ओस की एक बूँद
By Raja Sharma
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उसकी लाश को एक छोटे से सुन्दर लकडी के बक्से में रखा गया था और सभी लोग उस बक्से को बारी बारी से उठाकर एक पंक्ती में बंगलोर शहर के बीचों बीच स्थित कब्रिस्तान की ओर धीरे धीरे जा रहे थे। सभी की आन्खें नम थी।
सुन्दर नीली आन्खें, चमकता हुआ भूरा रंग, असाधारण स्वरूप, और निर्बोध हंसी वाली वो छोटी परी हर किसी के मन में वैठ जाती थी।
जब वो अपनी मीठी अवाज में बोलती थी तो सब का मन मोह लेती थी। उसके व्यवहार और बातों से ही पता चलता था कि उसके संस्कार उच्च थे।
लोग कहते थे कि उसमे उसके विद्वान पिता और माता के गुण मिल कर एक हो गए थे। उसके माता पिता बहुत अच्छे परिवारों से थे।
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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ओस की एक बूँद - Raja Sharma
ओस की एक बूँद
राजा शर्मा
Copyright
ओस की एक बूँद
राजा शर्मा
कौपी राइट@२०१२ राजा शर्मा
Smashwords edition
All rights results
अध्याय एक
हर व्यक्ती उस छोटी लड्की को प्यार करता था, और ऐसा लगता था कि शायद भगवान ने उसको लोगों से इतना प्यार पाने के लिए ही दुनिया में भेजा था।
वो इन्सान के रूप में एक छोटी सी परी ही तो थी क्योंकी जो भी उसको देखता उसको अपनी गोद में उठाना चाह्ता था।
किसी ने सोचा भी नहीं था कि वो इतनी छोटी सी उमर में यह दुनिया छोड कर चली जायेगी। पास पड़ोस के सभी लोग उस नन्ही परी की अन्त्येष्टी में भाग लेने आए थे।
उसकी लाश को एक छोटे से सुन्दर लकडी के बक्से में रखा गया था और सभी लोग उस बक्से को बारी बारी से उठाकर एक पंक्ती में बंगलोर शहर के बीचों बीच स्थित कब्रिस्तान की ओर धीरे धीरे जा रहे थे। सभी की आन्खें नम थी।
सुन्दर नीली आन्खें, चमकता हुआ भूरा रंग, असाधारण स्वरूप, और निर्बोध हंसी वाली वो छोटी परी हर किसी के मन में वैठ जाती थी।
जब वो अपनी मीठी अवाज में बोलती थी तो सब का मन मोह लेती थी । उसके व्यवहार और बातों से ही पता चलता था कि उसके संस्कार उच्च थे।
लोग कहते थे कि उसमे उसके विद्वान पिता और माता के गुण मिल कर एक हो गए थे । उसके माता पिता बहुत अच्छे परिवारों से थे ।
उस सुन्दर परी के पिता उसकी माँ को कहा करते थे, हमारी बेटी बडी होकर बिल्कुल तुम्हारी तरह ही दिखेगी।
माँ मुस्कुरा के कहा करती थी, और उसका दिमाग बिल्कुल आपकी तरह होगा!
"ना जाने क्यों