एक भीगी साँझ
By Raja Sharma
5/5
()
About this ebook
उसने घूमकर देखा तो पाया कि आवाज देने वाला उसका एक पुराना ग्राहक था। शीला नें उसको पहचान लिया और एक प्यारी सी मुस्कान दी।
"आज शाम को क्या कर रही हो अगर फ्री हो तो मेरे साथ् आ जाओ," उस जवान लड़के ने कहा।
"नहीं, आज शाम को मेरी बुकिंग है और मुझे एक ग्राहक के साथ् जाना है," शीला ने कहा।
"लेकिन मैं तुमको दो गुना पैसे दूँगा अगर तुम आज की रात मेरे साथ् बिताने को तैयार हो तो," उस जवान लड़के ने उत्साह और आशा के साथ् कहा।
"नहीं, आज तो मैं किसी और के साथ् बाहर जा रही हूँ, और अब कुछ महीनों तक मैं खाली नहीं होने वाली हूँ, तो तुमको तो एक लम्बा इन्तेजार करना पड सकता है," शीला ने कहा और मुड़कर जाने लगी।
लेकिन उस जवान लड़के ने उसका हाथ पकड कर उसको रोक लिया और बोला, "क्यों, क्या अब सती सावित्री बनने का निश्चय कर लिया है?"
एक भीगी साँझ
अध्याय एक: शीला का जीवन
अध्याय दो: विदित
अध्याय तीन: उथल पुथल
अध्याय चार: विदित और अजीत
अध्याय पांच: शीला फिर से
अध्याय छः: आपातकालीन कक्ष
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
Read more from Raja Sharma
सार्थक Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsरेगिस्तानी वर्षा: प्यार का मोती Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमिसेज़ डैलोवे (साराँश और विश्लेषण हिंदी में) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsद ग्रेट गैट्सबी (सारांश और विश्लेषण हिंदी में) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsवह बेदाग थी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsदोस्तियों की गहराइयाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsद मिल ऑन द फ़्लॉस (सारांश और आलोचनात्मक विश्लेषण हिंदी में) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रेम के अधलिखे अध्याय (एक उत्कृष्ट उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsशुक्रिया आपका (लघु उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपंखुड़ी गुलाब की (सुन्दर उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsउदारता की पटरियाँ (लघु उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsरिश्ता मेरी शर्तों पर Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related to एक भीगी साँझ
Titles in the series (100)
प्रेरणा कथाएं: भाग दो Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsRandom Musings for College Students: Part Five Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाव्य सरिता: द्वितीय भाग Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगरीब का नव वर्ष Rating: 1 out of 5 stars1/5Random Musings for College Students: Part One Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsजीवन के पहलू (Jeevan Ke Pahlu) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsओस की एक बूँद Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआज की दुनिया: काव्य संग्रह Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रेरणा कथाएं: भाग एक Rating: 3 out of 5 stars3/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 11) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाव्य सरिता: प्रथम भाग Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपूरब और पश्चिम Rating: 5 out of 5 stars5/5Inspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part Two) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsInspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part One) Rating: 1 out of 5 stars1/5हाइकू (Haiku) Rating: 3 out of 5 stars3/5बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (5) Rating: 5 out of 5 stars5/5साहित्य के फलक पर दमकते सितारे Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsदेवी दोहावली Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक भीगी साँझ Rating: 5 out of 5 stars5/5Inspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part Three) Rating: 5 out of 5 stars5/5बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsऔर गंगा बहती रही Aur Ganga Bahti Rahi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 10) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 9) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related ebooks
कहानियाँ सबके लिए (भाग 6) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsGora - (गोरा) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 8) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsManovratti Aur Lanchan (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 7) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मंजूषा 4 Rating: 4 out of 5 stars4/5Do Sakhiyan Aur Prem Ka Uday Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSapano Ki Duniya [Ajeeb Mout] [Toute Ki Aazaadi] [Kaali Billee] [Kabootar]Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsरहस्य और रोमांच Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSweet Love Remembered (in Hindi) Rating: 1 out of 5 stars1/5ज़िन्दगी छोटी, ख्वाब बड़े: (25 लघु कथायें) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBandhan Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsSeemaein Toot Gayee - (सीमाएं टूट गई) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 10) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मञ्जूषा Rating: 0 out of 5 stars0 ratings21 Shresth Kahaniyan : Mannu Bhandari - (21 श्रेष्ठ कहानियां : मन्नू भंडारी) Rating: 5 out of 5 stars5/5पूरब और पश्चिम Rating: 5 out of 5 stars5/5यूँ हुई शादी (प्रेम और सम्बन्ध) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsऐ गौथिक क्रिसमस ऐन्जल (हिन्दी भाषा - Hindi Language Edition) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsचाहत: चाहत कभी किसी की पूरी नहीं होती । Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsछोटे छोटे डर (भूतिया कहानियाँ) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsKya Khub Chutkule: Interesting jokes & satires to keep you in good humour, in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसमय के साथ भटकना Rating: 0 out of 5 stars0 ratings३ डरावनी कहानियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsवो कौन थी: सच या छलावा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAao Hass Le: Laughter is the best medicine Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मंजूषा 5 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsदोराहा (मार्मिक उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसन्नाटे की आवाज: औरत और ट्रांस वूमेन की जिंदगी के अनछुए पहलुओं पर फोकस Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPath Ke Davedar Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for एक भीगी साँझ
2 ratings0 reviews
Book preview
एक भीगी साँझ - Raja Sharma
एक भीगी साँझ
राजा शर्मा
Copyright
एक भीगी साँझ
राजा शर्मा
Copyright@2012 Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
अध्याय एक: शीला का जीवन
चर्चगेट की तरफ जाने वाली स्थानीय रेलगाडी महालक्ष्मी रेल्वे स्टेशन पर रुक गई। जब वो और महिला यात्रियों के साथ् महिलाओं के डिब्बे से नीचे उतरी बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी। रेल्वे स्टेशन का छत होने के बावजूद भी वो लगभग पूरी तरह से भीग गई थी।
सुबह से ही पानी गिर रहा था और रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। मुम्बई की यह एक बहुत आश्चर्यजनक बात है कि कितनी भी विपरीत परिस्थितियाँ हों या कितना भी मौसम खराब हो जीवन वहाँ कभी भी थमता नहीं है। लोग लगातार अपने कामों में लगे रह्ते हैं।
शीला धीरे धीरे भीड के साथ् मुख्य द्वार की ओर बढ्ने लगी। वो द्वार मुख्य सडक पर खुलता था और वो सडक महालक्ष्मी रेस कोर्स की तरफ जाती थी। सामान्यतः शीला साडियाँ नहीं पहनती पर उस दिन वो एक गुलाबी रंग की साडी में थी और बहुत खूब्सूरत लग रही थी। यह साडी वो तभी पहनती थी जब वो विदित के साथ् बाहर घूमने जाती थी। विदित उसका सबसे अच्छा ग्राहक जो था और उसको रिझाना शीला का कर्तव्य था। इसी तरह उसको अपने सभी ग्रहकों की मांग पूरी करनी होती थी, कोई विशेष कपड़े लगाने की मांग करता था तो कोई विशेष लिपस्टिक लगाने का आग्रह करता था। विदित उसके दूसरे ग्रहकों से बिल्कुल भिन्न था।
अचानक कंधे पर झूल रहे बैग में रखा हुआ शीला का मोबाइल फोन बजने लगा। उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई और वो सोचने लगी कि हो न हो यह विदित का ही फोन होगा, क्योंकी वो उसकी प्रतीक्षा करते करते थक गया होगा। पर जब उसने फोन बाहर निकाल कर देखा तो जाना कि यह तो उसके एक परिचित की तरफ से की हुई मिस काल थी। उसने वही नम्बर फिर से मिलाया।
दूसरी तरफ से एक पुरुष बोला, तुम कैसी हो शीला?
तुमने मुझे मिस काल क्यों की है?
शीला ने बिना उस व्यक्ती की कोई बात सुने कहा। एक हाथ में छाता और बैग थामे वो