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रहस्यमय हत्यारा
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Ebook195 pages1 hour

रहस्यमय हत्यारा

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About this ebook

कमिश्नर विन्सेंट जरमानो के लिए एक जटिल और उलझी हुई तहकीकात, जिसमें बहुत ही उलझे हुए 
और संदिग्ध सुराग हैं, जो शिकार को हत्यारे से अलग करते हैं. इनके बीच से वह आगे बढ़ने को मजबूर.
यह एक रोमांचक उपन्यास है जो शुरु में ही दिलचस्पी जगा देता है. पाठक एक बार शुरु करता है तो उसे पूरा पढने पर मजबूर हो जाता है.
सभी पात्र, घटनाएँ, स्थान और स्थितियाँ वास्तविक और प्रमाणित लगती हैं. इसे पढने में आनन्द आता है और इसका प्रभाव स्थाई है.

Languageहिन्दी
PublisherBadPress
Release dateDec 17, 2018
ISBN9781547515028
रहस्यमय हत्यारा
Author

Claudio Ruggeri

Claudio Ruggeri, 30岁。出生于Grottaferrata (罗马)。现为从业人员,前裁判员。他遍游各地,在美国呆了很久,2007年回到意大利。写作是一直以来他的最大爱好。

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    रहस्यमय हत्यारा - Claudio Ruggeri

    यह पुस्तक कल्पना पर आधारित है।

    वास्तविक घटनाओं और/या व्यक्तियों, जिनका वास्तव में अस्तित्व है, के बारे में अगर कोई सन्दर्भ है तो उसे पूरी तरह से संयोगात्मक समझा जाये।

    विषय-वस्तु

    अमाल्फी तट,17 मई 2012

    18 मई

    मिलान, अप्रेल 2010

    अमाल्फी तट, 18 मई 2012

    19 मई

    20 मई

    21 मई

    23 मई

    प्रथम गेट का कब्रिस्तान, रोम, 23:00

    24 मई

    25 मई

    26 मई

    27 मई

    28 मई, पुलिस स्टेशन, 08:00

    अमाल्फी तट, 2 जून 2012

    अमाल्फी तट, 17 मई 2012

    शाम ढल चुकी थी, सड़क की बत्तियाँ समुद्र तट के पास के कस्बों में एक दूसरे को अद्भुत रूप से चीरती हुई लम्बी और ऊबड़-खाबड़ गलियों में रौशनी बिखेर रही थी। 

    सूरज, जिसे लंच के थोड़ी देर बाद ही पहाड़ के पीछे सरक जाने और अगली सुबह से पहले फिर से प्रकट न होने की आदत थी, दोपहर को अपनी छाया और आभा से रंगीन बना रहा था कि जिसका वर्णन करना ही मुश्किल है, बहुत ही अद्भुत नजारा था। 

    इस दृश्य की प्रसंशा करते हुए, अपनी टेरेस की रेलिंग के सहारे खड़ा था कमिश्नर जरमानो, जो अपने परिवार के साथ सिटारा के निकट कुछ दिन की छुट्टियाँ बिताने आया था। 

    उसने और उसकी पत्नी, अरिआना, ने यह अपार्टमेंट कुछ महीनें पहले ही उस वक्त खरीदा था, जब इस इलाके के कई गाँवों से गुजरते हुए उनकी नजर बिकाऊ है के उस बोर्ड पर पड़ी जिसने इनकी जिज्ञासा को जगा दिया था। 

    अपार्टमेंट तीसरी और ऊपरी मंजिल पर था। इसका निर्माण शायद दूसरे विश्व युद्ध से थोड़े पहले हुआ था। क्योंकि घर को मरम्मत की जरूरत थी इसलिए उन्हें मोल-भाव के बाद यह ठीक दामों में मिल गया। हालाँकि यह बात उसने किसी को बताई नहीं थी, जरमानो सपने बुनने लगा था कि जब वह जासूस नहीं रहेगा तब यहाँ आकर रहना कितना मजेदार रहेगा। 

    फिलहाल उसे कभी कभार सप्ताहांत पर यहाँ आने से ही संतोष करना पड़ रहा था। ये दिन हमेशा से उसके लिए विशेष रहे हैं, समुद्री नज़ारे से भरे सप्ताहांत, जैसा कि वह इन्हें कहता था।

    पेट में उठी गडगडाहट ने उसे पैचेरी की याद दिला दी, जिसे उसने मौसम की मछली के साथ उसी सुबह खुद चुना था। उसे खतरा था अधिक पकने का। उसने अपने बेटे, लूका, के साथ मेज को सजाया ही था, कि उसने सामने वाले दरवाजे के बंद होने की आवाज सुनी।

    मैं घर आ गयी!

    सही समय पर आई हो, अरिआना। पैचेरी कुछ मिनटों में तैयार हो जाएगी। क्या तुम्हे मिला जिसकी तुम्हे तलाश थी?

    नहीं मिला। स्विमसूट जो कल मैनें देखा था वह पहले ही बिक चुका था। लेकिन मुझे उससे भी बढ़िया मिल गया...

    आओ देखें...

    यह रहा...

    अरिआना ने उसे प्लास्टिक के बैग से निकाला और पति को दिखाने के लिए, कि कैसा लगेगा उस पर, उसने उसे ऊपर से पकड़ लिया। जरमानो की हँसी छूटने वाली थी, लेकिन यह सोचकर कि उसकी पत्नी का उत्साह फीका पड़ जाएगा, उसने ऐसा दिखाया जैसे उसे ख़ुशी हुई हो। 

    जुड़वों को छोड़कर, जो अपने माता-पिता के बेडरूम में गहरी नींद में डूबे हुए थे, ज्योंही सब लोग मेज पर बैठे, फोन की घंटी बजने लगी। शायद यह कमिश्नर के लिए नहीं था, क्योंकि छुट्टियों के दौरान वह कभी भी अपना फोन चालू नहीं रखते थे। घंटी उसकी पत्नी के बैग से आ रही लगती थी, जो कहीं ड्राइंगरूम में पड़ा था। 

    यह मेरी कजिन का होना चाहिए। उसने कहा था कि वो कॉल करेगी...

    ठीक है, ज्यादा वक्त मत लगाना, नहीं तो पैचेरी ठंडी पड़ जाएगी...

    मैं केवल एक मिनट लूंगी!  हाँ...?

    थोड़ी देर बाद जरमानो ने खाना शुरु कर दिया। जब उसकी पत्नी के बोलने की आवाज उसे नहीं सुनाई पड़ी, तो उसने अनुमान लगाया कि बातचीत बंद हो गयी। लेकिन कुछ ही मिनटों में अरिआना ने उसे किचन में वापस बुलाया। उसके हाथ में सेल फोन था और ऑंखें चौड़ी हो गयी थी। 

    यह तुम्हारे लिए है, विन्सेंट

    कमिश्नर ने थोड़े आश्चर्य के साथ फोन को अपने कान से लगा लिया।

    मैं जरमानो बोल रहा हूँ...

    हेलो विन्सेंट। मैं जिआना हूँ। 

    हाय, जिआना। कुछ समय हो गया... लेकिन कैसे...?

    हाँ, मुझे माफ़ करना। लेकिन मेरे पास अरिआना के नंबर थे काफी समय से...कुछ भयानक घट गया। 

    भयानक? क्या?

    मेरे पिता जी की मौत हो गयी कुछ घंटों पहले...

    हे भगवान...

    मुझे वे अंगूरों वाले बाग़ में मिले। दिल का दौरा या ऐसा ही कुछ

    मैं रोम से दूर कुछ छुट्टियाँ बिताने आया हूँ...। कितना दुखद समाचार..."

    वे लंच पर नहीं आये, तो दोपहर बाद लगभग चार बजे हम उन्हें देखने गए। मैं अंगूरों के बाग़ में गयी और वे मुझे वहाँ मिले...

    मैं समझ सकता हूँ। शांत रहने की कोशिश करो, हालाँकि मैं जानता हूँ यह संभव नहीं है...

    मैं पुलिस स्टेशन पर तुम्हारे साथी से बात कर चुकी हूँ। दी जिरी...दी जिअरी...

    दाय जिरोलामो

    हाँ। यही नाम था। एम्बुलेंस भी आई, लेकिन वे बस केवल मौत की ही पुष्टि कर पाए।  उन्हें वहाँ जमीन पर देखना भयानक था, विन्सेंट

    बहुत ही भयानक झटका है। ज्योंही हम वापस लौटते हैं मैं वहाँ आऊँगा

    मुझे इस पर भरोसा है। अभी तुम जाओ। मैं पहले ही तुम्हे काफी परेशान कर चुकी हूँ। 

    तुम मुझे परेशान नहीं कर रही...तुमने जो खोया है उस पर मुझे अफ़सोस है...मैं तुमसे जल्द ही मिलता हूँ

    गुडबाय विन्सेंट। जब उसने फोन रखा तो, कमिश्नर की नजरें पत्नी की नजरों से मिली।  वह उसे घूर रही थी, उसे जाँच रही थी। उसने तनाव दूर करने का फैसला लिया। 

    क्या त्रासदी है!

    कौन सी त्रासदी, विन्सेंट?

    कैसे...? लेकिन जब तुम फोन पर थी तुमने कोई बात नहीं की?

    उसने कहा वह तुमसे बात करना चाहती है; कुछ भयानक घट गया। इसलिए मैं नहीं...

    जिआना के पिता की मौत हो गयी। उसने खुद उसे अंगूर के बाग़ के बीच में पाया। दिल का दौरा

    हे भगवान!...वे अंतिम संस्कार कब कर रहे हैं?

    "तुम जानती हो, यह पूछना मैं भूल गया...लेकिन उसने कहा कि उसने स्टेशन भी फोन किया था।

    उसने जरूर दाय जिरोलामो से बात की होगी। शायद उससे मैं पूछूँ। वास्तव में मैं अभी उसे कॉल करता हूँ"।

    दोनों प्लेटों में आधी पैचेरी छूट गयी थी, हालाँकि जरमानो के लिए अब इसका कोई मतलब नहीं रह गया था। वह ड्राइंगरूम रूम में गया और कुछ ही दिन पहले लगाये गए लैंडलाइन फोन से ऑफिस में फोन किया।

    पुलिस स्टेशन...

    मैं जरमानो बोल रहा हूँ

    हेलो कमिश्नर। मैं वेनडिटी हूँ

    "हेलो मार्को। कैसा चल चल रहा है? क्या दि जिरोलामो से बात हो सकती है?।

    मैं अभी बात कराता हूँ आपकी

    तुमसे जल्द मिलेंगें

    इंस्पेक्टर ने लगभग तुरंत जबाव दिया।

    दि जिरोलामो

    मैं जरमानो हूँ

    हेलो। सब ठीक तो है, कमिश्नर?

    मैं ठीक हूँ, हाँ। सिवाय इसके कि कुछ क्षण पहले जिआना वेनचुरी ने मुझे फोन किया और बताया कि उसके पिता जी, फ्रैंको, की मौत हो गयी। बस इतना है कि मैं उससे पूछना भूल गया कि अंतिम संस्कार कब है। उसने मुझे कहा था कि उसकी तुमसे बात हुई है और बस मुझे लगा...

    आपने अच्छा किया। सिवाय इसके कि हम भी नहीं जानते कि वे कब इसे कर रहे हैं। मैं कोशिश करूँगा पता लगाने की और आपको बताऊँगा

    धन्यवाद

    "भूल जाओ इसे। आपसे जल्दी भेंट होगी।

    उसे कुछ भी नहीं पता?

    नहीं अरिआना। दुर्भाग्यवश ऑफिस में भी वे कुछ नहीं जानते। वे पता कर लेंगे और हमें बता देंगें

    कितना विनाशकारी झटका है। मेरा मतलब...अपने पिता को मरा हुआ पाना

    बड़ा सदमा लगा होगा। मैं एंजलो से बात करता हूँ और उसे जिआना से मिलने के लिए कहता हूँ। शायद उसे किसी चीज की जरूरत हो...

    विन्सेंट, कम से कम अंतिम संस्कार होने तक तो इन्तजार करो। इस वक्त वह नहीं चाहेगी कि पूरे घर में पुलिस ऑफिसर भिनभिनाते घूमें

    शायद तुम ठीक कहती हो, लेकिन... जरमानो को अपना वाक्य पूरा करने के लिए समय नहीं मिला, क्योंकि फोन की घंटी फिर बज उठी। 

    मैं दाय जिरोलामो बोल रहा हूँ, कमिश्नर

    मुझे बताओ तुम क्या जानते हो

    अंतिम संस्कार परसों सुबह है। दस बजे पुलिस स्टेशन के पास वाली चर्च में

    "अच्छा। कुछ और है क्या जिसे मुझे जानने की जरूरत है...?

    वह क्या है?

    तुम्हे कैसे पता लगा कि फ्रैंको वेनचुरी मरा हुआ था? क्या एम्बुलेंस वालों को कुछ अजीब लगा और उन्हें तुम्हे बुलाया, संयोग से?

    वास्तव में, कमिश्नर...आपके दोस्त ने हमें तुरंत ही फोन कर दिया था। वेनडिटी ने एम्बुलेंस भेजी थी। महिला ने आपके बारे में पूछा था, कमिश्नर, और हमने उसे बताया कि आप छुट्टियों पर हैं, लेकिन...मेरा अनुमान है कि उसने हिम्मत नहीं हारी...

    "तुम्हारा अनुमान सही है। ओके। अभी

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