कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)
By Raja Sharma
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विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की चौथी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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कथा सागर - Raja Sharma
राजा शर्मा Raja Sharma
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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)
राजा शर्मा Raja Sharma
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)
Copyright
दो शब्द
मेरा सोना Mera Sona
क्षमा का गुण Kshama Ka Gun
बस रुको मत Bus Ruko Mat
क्या है सबसे शक्तिशाली Kya Hai Sabse Shaktishali
खुद से ईमानदारी Khud Se Imandari
गरीब बच्चे Gareeb Bachhe
बिना विचारे Bina Vichaarey
ज्ञान किस काम का Gyaan Kis Kaam Ka
बुरे अनुभव Burey Anubhav
वो मर गया Wo Mar Gaya
अपने हित से ऊपर Apney Hit Sey Upar
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असली विष Asli Vish
महानता की कीमत Mahanta Ki Keemat
स्वयं को त्यागना Swayam Ko Tyagna
लोभ की कीमत Lobh Ki Keemat
जीवनसाथी Jeevansathi
दो मित्र Do Mitra
खुद को ठगोगे Khud Ko Thagogey
एक किरण आशा Ek Kiran Asha
किसे नजदीक लाएं Kise Nazdeek Laayein
बड़ी समस्या छोटा समाधान Badi Samsaya Chota Samadhan
एक हो जाओ Ek Ho Jao
कुरूपता Kuroopata
कमियां निकालना Kamiyan Nikalna
दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की चौथी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
मेरा सोना Mera Sona
एक समय में एक बहुत ही कंजूस धनवान बूढा था. उसके रहने के लिए बहुत बड़ा घर था पर घर बहुत ही पुराना और विक्षिप्त अवस्था में था. उसकी पत्नी और बच्चे गरीबों की तरह जीवन बिताने पर मजबूर थे.
वो कंजूस पिता उनको खाना और जरूरत की और चीजें तो देता था, परन्तु अपने पैसे और अपने सोने को छूने भी नहीं देता था. यदि उसके परिवार को कोई सड़क पर देखता तो उनको भिखारी ही मान लेता.
उस कंजूस बूढ़े के पास एक बहुत बड़ा सोने का टुकड़ा था. वो टुकड़ा कई किलो का था. उसने एक दिन उस सोने के टुकड़े को अपने बगीचे में छुपा देने का निर्णय लिया. उसने उस सोने के टुकड़े को बगीचे में एक जगह जमीन में गाड़ दिया.
वो हर शाम को सोने से पहले उस जगह को खोदा करता था और सोने के टुकड़े को हाथ में लेकर निश्चित करता था के सोना सुरक्षित था और फिर उसको जमीन में गाड़ कर सोने चला जाता था.
एक दिन वो जब बगीचे में उस जगह को खोद रहा था, पेड़ के पीछे छिपे हुए एक चोर ने वो सोने का टुकड़ा देख लिया. बूढ़े कंजूस के जाने के बाद उसने जमीन खोदी और वो सोने का टुकड़ा लेकर गायब हो गया.
अगली सुबह वो बूढा कंजूस अपने बगीचे में गया और उस जगह को खोदना शुरू किया. वो खोदता गया पर सोने का टुकड़ा नहीं मिला. वो चिल्लाने लगा, मेरा सोना, मेरा सोना! किसी ने मेरा सोना चुरा लिया है!"
उसके चिल्लाने की आवाज़ को सुनकर एक व्यक्ति वहां रुका और उसने चिल्लाने का कारण पूछा. बूढ़े ने उसको सोने के टुकड़े के बारे में बताया.
उस व्यक्ति ने कहा, तुम तो बहुत ही अजीब व्यक्ति हो. तुमने वो सोना इस गड्ढे में क्यों रखा? उस सोने को प्रयोग करना चाहिए था या बेच कर पैसा सुरक्षित बैंक में रख देना था, या कुछ खरीद लेना था.
कंजूस बूढ़े को बहुत गुस्सा आया, "बेच देना! मैं अपने सोने को कभी भी नहीं बेचूंगा. इतने बरसों में तो