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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)
Ebook104 pages49 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की चौथी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateFeb 26, 2018
ISBN9781310705175
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    राजा शर्मा Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)

    राजा शर्मा Raja Sharma

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4)

    Copyright

    दो शब्द

    मेरा सोना Mera Sona

    क्षमा का गुण Kshama Ka Gun

    बस रुको मत Bus Ruko Mat

    क्या है सबसे शक्तिशाली Kya Hai Sabse Shaktishali

    खुद से ईमानदारी Khud Se Imandari

    गरीब बच्चे Gareeb Bachhe

    बिना विचारे Bina Vichaarey

    ज्ञान किस काम का Gyaan Kis Kaam Ka

    बुरे अनुभव Burey Anubhav

    वो मर गया Wo Mar Gaya

    अपने हित से ऊपर Apney Hit Sey Upar

    जैसा प्रश्न वैसा उत्तर Jaisa Prashn Vaisa Uttar

    असली विष Asli Vish

    महानता की कीमत Mahanta Ki Keemat

    स्वयं को त्यागना Swayam Ko Tyagna

    लोभ की कीमत Lobh Ki Keemat

    जीवनसाथी Jeevansathi

    दो मित्र Do Mitra

    खुद को ठगोगे Khud Ko Thagogey

    एक किरण आशा Ek Kiran Asha

    किसे नजदीक लाएं Kise Nazdeek Laayein

    बड़ी समस्या छोटा समाधान Badi Samsaya Chota Samadhan

    एक हो जाओ Ek Ho Jao

    कुरूपता Kuroopata

    कमियां निकालना Kamiyan Nikalna

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की चौथी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    मेरा सोना Mera Sona

    एक समय में एक बहुत ही कंजूस धनवान बूढा था. उसके रहने के लिए बहुत बड़ा घर था पर घर बहुत ही पुराना और विक्षिप्त अवस्था में था. उसकी पत्नी और बच्चे गरीबों की तरह जीवन बिताने पर मजबूर थे.

    वो कंजूस पिता उनको खाना और जरूरत की और चीजें तो देता था, परन्तु अपने पैसे और अपने सोने को छूने भी नहीं देता था. यदि उसके परिवार को कोई सड़क पर देखता तो उनको भिखारी ही मान लेता.

    उस कंजूस बूढ़े के पास एक बहुत बड़ा सोने का टुकड़ा था. वो टुकड़ा कई किलो का था. उसने एक दिन उस सोने के टुकड़े को अपने बगीचे में छुपा देने का निर्णय लिया. उसने उस सोने के टुकड़े को बगीचे में एक जगह जमीन में गाड़ दिया.

    वो हर शाम को सोने से पहले उस जगह को खोदा करता था और सोने के टुकड़े को हाथ में लेकर निश्चित करता था के सोना सुरक्षित था और फिर उसको जमीन में गाड़ कर सोने चला जाता था.

    एक दिन वो जब बगीचे में उस जगह को खोद रहा था, पेड़ के पीछे छिपे हुए एक चोर ने वो सोने का टुकड़ा देख लिया. बूढ़े कंजूस के जाने के बाद उसने जमीन खोदी और वो सोने का टुकड़ा लेकर गायब हो गया.

    अगली सुबह वो बूढा कंजूस अपने बगीचे में गया और उस जगह को खोदना शुरू किया. वो खोदता गया पर सोने का टुकड़ा नहीं मिला. वो चिल्लाने लगा, मेरा सोना, मेरा सोना! किसी ने मेरा सोना चुरा लिया है!"

    उसके चिल्लाने की आवाज़ को सुनकर एक व्यक्ति वहां रुका और उसने चिल्लाने का कारण पूछा. बूढ़े ने उसको सोने के टुकड़े के बारे में बताया.

    उस व्यक्ति ने कहा, तुम तो बहुत ही अजीब व्यक्ति हो. तुमने वो सोना इस गड्ढे में क्यों रखा? उस सोने को प्रयोग करना चाहिए था या बेच कर पैसा सुरक्षित बैंक में रख देना था, या कुछ खरीद लेना था.

    कंजूस बूढ़े को बहुत गुस्सा आया, "बेच देना! मैं अपने सोने को कभी भी नहीं बेचूंगा. इतने बरसों में तो

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