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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5)
Ebook90 pages43 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की पांचवी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateFeb 26, 2018
ISBN9781370547029
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    राजा शर्मा Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5)

    राजा शर्मा Raja Sharma

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5)

    Copyright

    दो शब्द

    संदेह और विश्वास Sandeh Aur Vishwaas

    मेरे पास सब कुछ है Mere Paas Sab Kuch Hai

    खुद का बलिदान Khud Ka Balidaan

    पत्नी की ख़ुशी Patni Ki Khushi

    कुछ तो सोचिये Kuch To Sochiye

    Pet Bhar Khana पेट भर खाना

    अपनों परायों की चोट Apno Parayon Ki Chot

    जो करो वो भुगतो Jo Karo Wo Bhugto

    अहंकार Ahankaar

    मेरा क्या है Mera Kya Hai

    मृत्यु निश्चित है Mrityu Nishchit Hai

    वैराग्य का मार्ग Vairagya Ka Maarg

    छोटी रोटी Choti Roti

    बिना किसी स्वार्थ Bina Kisi Swarth

    सबको मिलता है Sabko Milta Hai

    सब मिथ्या है Sab Mithya Hai

    देना तो सीखिए Dena to Seekhiye

    मन को बदलो Man Ko Badlo

    गुरु की आज्ञा Guru Ki Aagya

    यमराज और मूर्तिकार Yamraj Aur Murtikar

    वर्तमान में जियो Vartman Mein Jiyo

    चोर की पहचान Chor Ki Pehchan

    असली चतुराई Asli Chaturai

    बुद्धि आवश्यक है Buddhi Avashyak Hai

    यहाँ वहाँ की पहेली Yahan Wahan Ki Paheli

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की पांचवी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    संदेह और विश्वास Sandeh Aur Vishwaas

    एक शहर में एक धनि व्यक्ति का सुन्दर घर था. वो बहुत ही शक्की स्वभाव का था और घर में बहुत ही कीमती सामन होने के कारण वो किसी को भी घरेलू काम के लिए नहीं रखता था. उसकी पत्नी प्रतिदिन चिल्लाती थी के उनको साफ़ सफाई के लिए एक नौकर रख लेना चाहिए.

    अंत में अपनी पत्नी के रोज रोज के तानो से तंग आकर उस धनि व्यक्ति ने एक लड़के को घर पर नौकर रख लिया. शक्की स्वाभाव का होने के कारण जब भी वो लड़का साफ़ सफाई कर रहा होता तो वो धनि व्यक्ति उसी कमरे में बैठ जाता और उसपर नज़र रखता.

    एक दिन उस धनि व्यक्ति ने उस नौकर की परीक्षा लेने के लिए एक रूपए का एक सिक्का फर्श पर फेंक दिया. कुछ देर बाद वो नया नौकर आकर फर्श की सफाई करने लगा. उसने वो सिक्का देखा और उसको उठा कर अपने मालिक को दे दिया.

    अगले दिन उस धनि व्यक्ति ने एक दस रूपए का नोट फर्श पर फेंक दिया. लड़के ने इस बार भी चुपचाप वो नोट धनि व्यक्ति को उठा कर दे दिया.

    अगली बार उस धनि व्यक्ति ने बीस रूपए का नोट जमीन पर फेंक दिया. उस नौकर को समझ आ गयी के वो मालिक उसकी ईमानदारी की परीक्षा ले रहा था. उसने चुपचाप वो बीस रूपए का नोट अपने मालिक को दे दिया.

    अगले कुछ दिनों तक कुछ नहीं

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