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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6)
Ebook95 pages41 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की छटी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateFeb 26, 2018
ISBN9781370935741
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    राजा शर्मा Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6)

    राजा शर्मा Raja Sharma

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6)

    Copyright

    दो शब्द

    मैं बुरा नहीं मानता Main Bura Nahi Maanta

    कुबुद्धि का कारण Kubuddhi Ka Kaaran

    चार बहुमूल्य वस्तुएं Char Bahumulya Vastuein

    विचलित मन Vichlit Mun

    वर्तमान में संतोष Vartman Mein Santosh

    सच्चे मित्र की खोज Sacche Mitra Ki Khoj

    चित्रकार की समस्या Chitrakar Ki Samasya

    गन्ने का रस Ganney Ka Rus

    अनुचित मांगे Anuchit Mangein

    सूक्षम न्याय Sookshm Nyaya

    सच्ची श्रद्धा Sachhi Shradha

    संकट और धैर्य Sankat Aur Dhairya

    गन्दगी दूर करना Gandagi Duur Karna

    क्रोध और अहंकार Krodh Aur Ahankar

    मर्म समझना Murm Samajhna

    मन कहीं तन कहीं Man Kahin Tan Kahin

    पूरी बात सुनिए Poori Baat Suniye

    कौन किसके बंधन में Kaun Kiske Bandhan Mein

    ये क़र्ज़ नहीं चुकता Ye Karz Nahi Chukta

    अच्छे लोग Achhe Log

    अभद्र भाषा Abhadra Bhasha

    एक रूपये की कीमत Ek Rupye Ki Keemat

    स्वामिभक्त Swamibhakt

    मेरी आंखें Meri Ankhein

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की छटी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    मैं बुरा नहीं मानता Main Bura Nahi Maanta

    एक शहर में एक बहुत ही विद्वान पंडित अपने परिवार के साथ रहता था. उसके ज्ञान की ख्याति बहुत दूर दूर तक फैली हुई थी और हज़ारों लोग उनसे सलाह लेने को आते थे. कोई नहीं जानता था के औरों को सही सलाह देने वाले वो पंडित जी स्वयं कितने दुखी थे.

    उनकी पत्नी पंडित जी से बहुत बुरा व्यव्हार करती थी और उनसे बहुत झगड़ा किया करती थी. उनके घर में हमेशा ही कलह होती रहती थी. पंडित जी अपनी पत्नी की कड़वी बातों को हंसकर सहन कर लिया करते थे और कुछ नहीं कहते थे.

    एक दिन पंडित जी की ख्याति के बारे में सुनकर, दुसरे नगर से एक व्यक्ति पंडित जी से मिलने को आया. उस व्यक्ति की एक समस्या थी और वो पंडित जी से समाधान चाहता था.

    जब वो पंडित जी के घर में आया तो उसने देखा के पंडित जी के घर में तो कलह मची हुई थी और उनकी पत्नी पंडित जी को बुरे बुरे शब्द बोल रही थी.

    उस व्यक्ति ने सोचा, ये पंडित तो मेरी समस्या का समाधान नहीं कर सकता. ये तो खुद ही इतना दुखी है.

    उस व्यक्ति के साथ उसका एक मित्र भी था. उस मित्र ने कहा, "ऐसा करो एक बार आजमा के तो देख लो के पंडित जी के पास तुम्हारी समस्या का समाधान है के नहीं?

    उस व्यक्ति ने

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