कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 7)
By Raja Sharma
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विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की सातवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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कथा सागर - Raja Sharma
राजा शर्मा Raja Sharma
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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 7)
राजा शर्मा Raja Sharma
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 7)
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दो शब्द
निर्णय लीजिये Nirnay Leejiye
सहयोग का गुण Sahyog Ka Gun
बाधा नहीं पुल बनिए Badha Nahi Pul Baniye
बिस्किट चोर Biscuit Chor
बलिदान Balidaan
वो मोटी औरत Wo Moti Aurat
एक प्यारी प्रेम कथा Ek Pyari Prem Katha
सीखो और कमाओ Seekho Aur Kamao
किसी का जीवन विशेष नहीं Kisi Ka Jeevan Vishesh Nahi
सास को ज़हर Saas Ko Zahar
गंभीर अनुभव Gambheer Anubhav
जीवित होने की ख़ुशी Jeevit Hone Ki Khushi
मेरे पिता Mere Pita
नयी कार Nayi Car
ये भी प्यार है Ye Bhi Pyar Hai
दिल में जगह Dil Mein Jagah
दूसरे भी सही हो सकते हैं Doosre Bhi Sahi Ho Sakte Hain
अपनी अपनी खूबियां Apni Apni Khoobiyaan
उपकार Upkaar
ख़ुशी वापिस आती है Khushi Vapis Aati Hai
चमत्कार Chamatkaar
बारह उपहार Barah Uphaar
समस्याओं का पेड़ Samasyaon Ka Ped
तुम्हें पर्याप्त प्राप्त हो Tumhein Paryapt Prapt Ho
ज्ञान का सही प्रयोग Gyan Ka Sahi Prayog
दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की सातवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
निर्णय लीजिये Nirnay Leejiye
एक दिन मैं विमान स्थल पर अपने एक मित्र को लेने गया हुआ था. विमान आने में अभी देर थी तो मैं बैठ कर और लोगों को देखने लगा. तभी मैंने देखा के एक व्यक्ति अपना सामान लेकर अपनी पत्नी और बच्चों की तरफ जा रहा था.
उसकी पत्नी और तीन बच्चे उस व्यक्ति को विमान स्थल पर लेने आये थे. एक लड़का लगभग दस वर्ष का था, दूसरा लड़का लगभग तीन वर्ष का था, और सबसे छोटी लड़की शायद एक वर्ष की थी और वो माँ की गोद में थी.
उस व्यक्ति ने सबसे पहले अपने छोटे लड़के को झुक कर चूमा और कहा, वाह मेरे बेटे, तुम तो आज बहुत ही खुश लग रहे हो. मैं तुम्हारे लिए बहुत सी चीजें लाया हूँ.
फिर उसने अपने बड़े लड़के को गले से लगाया और कहा, वाह मेरे बेटे तुम तो जवान हो गए हो. तुम बहुत तंदुरुस्त दिख रहे हो.
उसके बाद उसने अपनी छोटी बेटी को अपनी पत्नी की गोद से लिया और उसको चूमा और कहा, ओह मेरी नन्ही सी गुड़िया तो बड़ी हो रही है. पापा वापिस आ गए.
अंत में उस व्यक्ति ने अपनी पत्नी को बहुत प्रेम से गले लगाया और दोनों के बीच प्रेम के शब्दों का आदान प्रदान हुआ.
मैं उस परिवार को बहुत ध्यान से देख रहा था और सब कुछ सुन रहा था. इतना प्यार देखकर मैं बहुत ही प्रभावित हुआ.
मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और उस व्यक्ति के पास जाकर बोला, माफ़ कीजिये मैं आपके परिवार को देखकर बहुत खुश हूँ. मैं कुछ पूछना चाहता हूँ.
उस व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए कहा, "जी पूछिए क्या पूछना है.
आपकी शादी को कितने वर्ष हो गए हैं?
मैंने उसकी पत्नी की और देखकर कहा.
पति पत्नी दोनों ही बोले, हमारी शादी को पंद्रह वर्ष हो गए हैं.
मैंने कहा, आप शायद बहुत लम्बे समय के बाद घर वापिस आये हैं?
उस व्यक्ति ने कहा, नहीं, मैं तो बस दो दिन के लिए ही दूसरे शहर गया था.
मैं हैरान हो गया क्योंकि वो व्यक्ति अपने परिवार को सिर्फ दो दिन बाद मिल रहा था और ऐसे लग रहा था जैसे वर्षों बाद मिला हो.
मैंने उस व्यक्ति की और प्रशंसा पूर्ण दृष्टि से देखा और कहा, 'मैं आशा करता हूँ के मेरा विवाह भी ऐसा ही होगा और मेरा और मेरी पत्नी के बीच का प्यार हमेशा रहेगा."
उस व्यक्ति ने मुस्कुरा कर मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और कहा, "मेरे दोस्त, आशा मत करो, निर्णय