कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 8)
By Raja Sharma
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About this ebook
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की आठवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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Book preview
कथा सागर - Raja Sharma
राजा शर्मा Raja Sharma
www.smashwords.com
Copyright
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 8)
राजा शर्मा Raja Sharma
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 8)
Copyright
दो शब्द
अलग सोचिये Alag Sochiye
प्यार, धन, और सफलता Pyar Dhan aur Safalta
अभी मरना नहीं था (सत्य कथा) Abhi Marna Nahi Tha
उत्कृष्ट मूर्तिकार Utkrisht Murtikaar
छोटी छोटी प्रेम कथाएं Choti Choti Prem Kathayein
ईमानदारी के बीज Imandaari Ke Beej
कैदी बेटा Qaidi Beta
अच्छा ही होगा Achha Hi Hoga
बेरोजगार Berojgaar
फौजी का पिता Fouzi Ka Pita
सच्चा दोस्त Sachha Dost
संतोष का मन्त्र Santosh Ka Mantra
सोने की खिड़कियों वाला घर Sone Ki Khidkiyon Wala Ghar
एक कमरे का घर Ek Kamre Ka Ghar
गुड़िया और सफ़ेद गुलाब Gudia Aur Safed Gulab
मैं तलाक़ चाहती हूँ Main Talaq Chahti Hoon
बस आज ही आज Bus Aaj Hi Aaj
देवदूत Devdoot
सम्पूर्ण प्रेम Sampoorn Prem
अपना अपना काम Apna Apna Kaam
थोड़ी सहानुभूति Thodi Sahanubhooti
एक अलग स्कूल Ek Alag School
अपने अपने साथी Apne Apne Sathi
भूत और पहलवान Bhoot Aur Pehalwaan
आभार के आंसू Abhaar Ke Ansoo
दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की आठवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
अलग सोचिये Alag Sochiye
एक अँधा लड़का एक बिल्डिंग के बाहर सीढ़ियों पर बैठा था. उसके पैरों के पास एक उलटी टोपी पड़ी हुई थी. टोपी के पास एक छोटे से बोर्ड पर लिखा था, मैं अंधा हूँ, कृपया सहयोग कीजिये.
उसकी टोपी में चन्द सिक्के ही थे.
कुछ देर बाद एक व्यक्ति उसके सामने से गुज़रा. उसने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकाले और उस अंधे लड़के की टोपी में डाल दिए. उसने वो बोर्ड उठाया और उसकी पीछे की तरफ कुछ शब्द लिख दिए. उसने बोर्ड को ऐसे रख दिया ताकि लोग नए लिखे शब्दों को पढ़ सकें.
कुछ ही देर में उसकी टोपी में सिक्कों और नोटों की बारिश सी होने लगी. बहुत लोग उसको पैसे देने लगे. दिन के समय वो व्यक्ति जिसने कुछ शब्द बोर्ड पर लिखे थे वापिस आया ताकि देख सके के लोग उस लड़के को पैसे दे रहे थे के नहीं.
उस अंधे लड़के ने उस व्यक्ति के क़दमों की आवाज़ पहचान ली और कहा, क्या आप वही हैं जिन्होंने मेरे बोर्ड को आज सुबह बदल दिया था? आपने मेरे बोर्ड पर किया लिखा था?
उस व्यक्ति ने कहा, मैंने तो केवल सत्य ही लिखा था. मैंने वही लिखा जो तुम लोगों को दुसरे तरीके से बता रहे थे.
उस व्यक्ति ने अंधे लड़के के बोर्ड पर लिखा था, आज इतना सुन्दर दिन है, पर मैं इस सुन्दर दिन को नहीं देख सकता.
क्या आप सोचते हैं के 'मैं अँधा हूँ' और 'मैं इस सुन्दर दिन को नहीं देख सकता' में कुछ फरक था? दोनों ही ये बता रहे थे के लड़का अँधा था पर पहले शब्द सिर्फ लड़के के अंधे होने की जानकारी देते थे, पर दूसरी पंक्ति लोगों को बताती थी के वो भाग्यशाली थे के वो उस सुन्दर दिन को देख सकते थे.
नया बोर्ड लोगों को आभास कराता था के वो अंधे नहीं थे. इस नए बोर्ड का प्रभाव लोगों के मन पर पड़ता था और वो उस अंधे लड़के को पैसे देते थे.
मित्रों,
जो कुछ भी हमको जीवन में प्राप्त हुआ है उसके लिए हमको आभारी होना चाहिए. जीवन में हमको सृजनशील होने का प्रयास करना चाहिए. हमेशा औरों से फरक और सकारात्मक सोचिये.
लोगों को अपनी बुद्धि के द्वारा अच्छे की तरफ आमंत्रित कीजिये. जीवन को बिना शर्त जीइए और बिना अफ़सोस प्रेम कीजिये. जीवन आपके रोने के १०० कारण देता है तो आप मुस्कुराने के १००० कारण खोजिये.
एक विद्वान ने कहा है, "जीवन मरमम्त और पुनर्निर्माण की एक निरंतर प्रक्रिया है. बुराइयों को त्यागते जाइये और अच्छाइयों को स्वीकारते जाइये. किसी के जीवन में खुशियां लाना ही सबसे बड़ी बात है. औरों की खुशियों का कारण बनने का प्रयास कीजिये.
प्यार, धन, और सफलता Pyar Dhan aur Safalta
एक सुबह एक औरत जब अपने घर से बाहर आयी तो उसने अपने घर के सामने तीन दाढ़ी वाले बूढ़ों को बैठे देखा. उस औरत ने उनको पहचाना नहीं.
उस औरत ने उनको कहा, मैंने आप लोगों को पहचाना नहीं, पर मैं देख सकती हूँ के आप लोगों को भूख लगी है. कृपया मेरे घर में आइये और कुछ भोजन ग्रहण कीजिये.
उन बूढ़ों ने पुछा, क्या आपके पति घर में हैं?
उस औरत ने कहा, जी नहीं, वो बाहर गए हुए हैं.
बूढ़ों ने कहा, "तब तो हम तुम्हारे घर में प्रवेश नहीं कर सकते.
शाम को जब उस औरत का पति घर वापिस आया तो औरत ने अपने पति को उन तीन बूढ़ों के बारे में बताया. उसके पति ने कहा, "जाओ