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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13)
Ebook125 pages1 hour

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तेहरवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateApr 11, 2018
ISBN9781370088034
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    राजा शर्मा

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 13)

    Copyright

    दो शब्द

    प्रभु, तेरे खेल Prabhu, Tere Khel

    तब तुम छोटे थे Tab Tum Chotey The

    दीवार के उस तरफ Deewar Ke Us Taraf

    चार उँगलियों का जादू (सत्य कथा) Char Ungliyon Ka Jadu

    मेरी कहानी Meri Kahani

    मेरे तेरे दुःख Mere Tere Dukh

    तुम अभी भी करोड़पति हो Tum Abhi Bhi Crorepati Ho

    कब, क्या होगा Kab Kya Hoga

    प्यार तेरे रंग अनेक Pyar Tere Rang Anek

    यही है ज़िंदगी Yahi Hai Zindagi

    मुझे क्या उपहार देंगे Mujhe Kya Uphaar Denge

    जीवन का सार Jeevan Ka Saar

    पहाड़ हट गया Pahad Hut Gaya

    जोकर Joker

    खुशहाली का राज़ Khushhaali Ka Raaz

    मैं ही जीतूंगा Main Hi Jeetunga

    हाँ की ताकत Haan Ki Takat

    पांच लाख डॉलर का चैक Panch Lakh Dollar Ka Cheque

    देखभाल एक सार्वभौमिक भाषा है Dekhbhal Ek Sarvbhomik Bhasha Hai

    हो तो सकता है Ho To Sakta Hai

    तितली सिखा गयी Titli Sikha Gayi

    हंसी से हो जाएगा Hansi Se Ho Jayega

    सीखिए और सम्भालिये Seekhiye Aur Sambhaliye

    अवसर गँवा दिया Avsar Ganvaa Diya

    दिमाग और समुद्र Dimag Aur Samudra

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तेहरवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    प्रभु, तेरे खेल Prabhu, Tere Khel

    पहाड़ों पर एक घने जंगल में तीन पेड़ एक दूसरे के बहुत नजदीक नजदीक थे. वो पेड़ अक्सर आपस में बातें करते थे और अपने जीवन के बारे में एक दूसरे को बताते थे. वो अपने भविष्य की कल्पनाएं भी एक दूसरे को बताते थे.

    पहले पेड़ ने कहा, "मैं आशा करता हूँ के एक दिन मुझको काटने के बाद एक गहने और पैसे रखने वाली अलमारी में बदल दिया जायेगा.

    मैं सोने, चांदी, हीरे, मोतियों, और पैसो से भरा रहूंगा. मुझपर बहुत सुन्दर नक्काशी होगी और मैं बहुत ही सुन्दर दिखूंगा."

    दूसरे पेड़ ने कहा, मैं आशा करता हूँ के एक दिन मुझे काटकर एक बहुत बड़े पानी के जहाज़ में बदल दिया जाएगा. मैं राजा रानियों को समुद्र में ले जाऊँगा और दुनिया के दूर दूर के क्षेत्रों की यात्रा कराऊंगा. मुझमें बैठ कर सभी सुरक्षित महसूस करेंगे.

    तीसरे पेड़ ने कहा, मैं तो सबसे ऊँचा और सबसे सीधा पेड़ बनना चाहूंगा. लोग मुझे इस पहाड़ पर देखकर सोचेंगे के मेरी ऊपरी शाखाएं स्वर्ग को छू रही हैं. मैं हमेशा के लिए महानतम पेड़ बन जाऊंगा.

    तीनो पेड़ कई वर्षों तक अपने सपनो के पूरे होने के लिए प्रार्थना करते रहे. एक दिन एक लकड़हारों का एक समूह जंगल में आया और उन लोगों ने उन तीनो पेड़ों को देखा.

    उनमे से एक व्यक्ति ने पहले पेड़ को देखकर कहा, ये अच्छा और कडा पेड़ दीखता है. बढ़ई को बेचकर काफी पैसे मिल जाएंगे.

    उस लकड़हारे ने पहले पेड़ को काटना शुरू किया. पहला पेड़ खुश था क्योंकि वो सोच रहा था के बढ़ई उसको काट कर एक धन संपत्ति रखने वाली अलमारी में परिवर्तित कर देगा.

    दूसरे पेड़ को देखकर एक और लकड़हारे ने कहा, ये भी शक्तिशाली पेड़ दीखता है. मैं इसको काटकर जहाज और नाव बनाने वाली कंपनी को बेच सकता हूँ.

    दूसरा पेड़ बहुत खुश हुआ क्योंकि वो तो एक पानी के जहाज के रूप में परिवर्तित होना ही चाहता था. उसने सोचा के उसका सपना पूरा होने वाला था.

    एक लकड़हारे ने तीसरे पेड़ को देख कर कहा, ये पतला सा बहुत ऊँचा पेड़ है. मुझे तो कुछ खास चाहिए भी नहीं है, मैं इसी पेड़ को काट लेता हूँ.

    बेचारा तीसरा पेड़ बहुत ही भयभीत हो गया क्योंकि वो तो एक ऊँचा और महान पेड़ बनना चाहता था. तीसरे लकड़हारे ने उस तीसरे पेड़ को काट दिया,

    जब पहला पेड़ बढ़ई के पास पहुंचा, बढ़ई ने उसको काट कर एक बड़ा सा बक्सा बना दिया. ये बक्सा पशुओं को खाना खिलाने के लिए तैयार किया गया था.

    बढ़ई ने उस बक्से को एक किसान को बेच दिया जिसने उस बक्से में घास फूस भरकर पशुओं के बाड़े में रख दिया. उस पेड़ को दुःख हुआ क्योंकि उसको हीरे मोती रखने वाली अलमारी में

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