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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 16)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 16)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 16)
Ebook95 pages49 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 16)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की सोलहवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateApr 18, 2018
ISBN9781370697779
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 16)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 16)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 16)

    Copyright

    दो शब्द

    अच्छा करो भूल जाओ Achha Karo Bhool Jao

    मेरा हाथ पकड़िए Mera Hath Pakadiye

    फ्लेमिंग के पिता Fleming Ke Pita

    उन्होंने कैसे किया (कुछ कहानियां) Kuch Kahaniyaan

    सही चाल Sahi Chaal

    हाथ Haath

    विकल्प Vikalp

    आज के दिन Aaj Ke Din

    अलार्म घड़ी Alarm Ghadi

    दिन या रात Din Ya Raat

    भगवान् के साथ खाना Bhagwaan Ke Saath Khaana

    सफल व्यवसायी Safal Vyavsaayee

    ऊपरी मंजिल तक Upari Manjil Tak

    एक एकड़ हीरों का खेत Ek Acre Heeron Ka Khet

    बिच्छू तो काटेगा ही Bichhoo To Kaategaa Hi

    गलतियां तो होती हैं Galtiyaan To Hoti Hain

    बिना नमक Bina Namak

    सात आश्चर्य Saat Ashcharya

    सबको स्वीकारो Sabko Sweekaro

    लाल छाता Laal Chaata

    मोतियों की माला Motiyon Ki Mala

    भगवान् नहीं हैं Bhagvaan Nahi Hain

    बंद मुट्ठी Bund Mutthi

    पांच मिनट और Paanch Minute Aur

    बुद्दिमान साधू Buddhiman Sadhu

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की सोलहवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    अच्छा करो भूल जाओ Achha Karo Bhool Jao

    एक बार दो बौद्ध भिक्षु चलते चलते एक नदी के किनारे पहुंचे. उस नदी में उनकी कमर तक पानी था. उन्होंने नदी के किनारे एक जवान लड़की को देखा.

    उसने बहुत ही महंगे और सुन्दर कपडे पहने हुए थे. यदि वो नदी पार करती तो उसके कपडे खराब हो जाते. वो किसी समारोह में जा रही थी इसलिए अपने कपडे खराब नहीं करना चाहती थी.

    दोनों भिक्षुओं ने उसकी बात सुनी. उन दोनों को भी नदी के दूसरी तरफ जानता था. एक भिक्षु ने उस लड़की को अपनी पीठ पर बैठा लिया और नदी में उतर गया. कुछ ही देर में दोनों भिक्षु नदी के दूसरे किनारे पर पहुँच गए.

    भिक्षु ने उस लड़की को अपनी पीठ से उतार कर जमीन पर खड़ा कर दिया. उस लड़की ने उनको धन्यवाद कहा. दोनों भिक्षु फिर से अपने रास्ते पर चलने लगे. लगभग एक घंटे के बाद दूसरे भिक्षु ने शिकायत करनी शुरू कर दी.

    तुमने उस जवान लड़की को कैसे छू लिया और उसको अपनी पीठ पर बैठाकर इस किनारे तक ले आये. तुम जानते हो के स्त्री को छूना हमारे धार्मिक आदेशों के विरुद्ध है. तुम स्वयं एक भिक्षु होकर हमारे नियमो के विरुद्ध कैसे जा सकते हो?

    पीठ पर लड़की को बैठाकर नदी के इस तरफ लाने वाले भिक्षु ने मुस्कुरा कर कहा, मैंने तो उस लड़की को एक घंटे पहले ही नदी के इस किनारे पर जमीन पर उतार दिया था, परन्तु तुम तो उस लड़की को अभी भी ढो रहे हो.

    शिकायत करने वाले भिक्षु का सर शरम से झुक गया और उसको अपनी गलती का आभास हो गया के जरूरत के समय किसी असहाय व्यक्ति की सहायता करने के लिए नियम तोड़े भी जा सकते हैं.

    मित्रों,

    ये ठीक है के जीवन में अनुशासन लाने के लिए कुछ धार्मिक, सामजिक, और न्यायिक नियम बनाये जाते हैं, परन्तु कभी कभी ऐसी स्तिथियाँ उत्पन्न हो जाती

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