काव्य मञ्जूषा (काव्य संकलन)
()
About this ebook
मरद अब दूसरी औरत ले आया है
मिथिलेश कुमार राय
मरद अब दूसरी औरत ले आया है
पहली औरत
पाँच बेटियाँ जनने के बाद
दरवाजे पर बँधी पशुओँ संग
अपना दिल लगाने लगी है
मरद जब भी उसे टोकता है
उसकी आवाज कर्कश होती है
एक छोटे से वाक्य मेँ
कई तरह की भद्दी गालियाें मेँ
मरद उसे रोज बताता है
कि उसकी किस्मत कितनी फूटी हुई है
यह सब देखती-सुनती पहली औरत
चुपचुप अपना माथा धुनती रहती है
और विधाता को कोसती रहती है
लोगोँ ने उसे कुछ भी बोलते बहुत कम सुना है
रोते बहुत देखा है
मरद अब दूसरी औरत ले आया है
मिथिलेश कुमार राय
मरद अब दूसरी औरत ले आया है
पहली औरत
पाँच बेटियाँ जनने के बाद
दरवाजे पर बँधी पशुओँ संग
अपना दिल लगाने लगी है
मरद जब भी उसे टोकता है
उसकी आवाज कर्कश होती है
एक छोटे से वाक्य मेँ
कई तरह की भद्दी गालियाें मेँ
मरद उसे रोज बताता है
कि उसकी किस्मत कितनी फूटी हुई है
यह सब देखती-सुनती पहली औरत
चुपचुप अपना माथा धुनती रहती है
और विधाता को कोसती रहती है
लोगोँ ने उसे कुछ भी बोलते बहुत कम सुना है
रोते बहुत देखा है
वर्जिन साहित्यपीठ
सम्पादक के पद पर कार्यरत
Read more from वर्जिन साहित्यपीठ
बड़ी उम्र की स्त्रियों का प्रेम Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक दिन सभी स्त्रियाँ नग्न हो जाएंगी Rating: 4 out of 5 stars4/5श्रीरामचरितमानस: एक वृहद विश्लेषण Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रेम प्रसून (काव्य संग्रह) Rating: 5 out of 5 stars5/5कड़वे सच Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsचिंगारियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमैंने कहा था Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsनई पहचान Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsनाही है कोई ठिकाना (कहानी) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगुदगुदाते पल (कहानी संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मंजूषा 4 Rating: 4 out of 5 stars4/5इन्द्रधनुष (काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsनिर्णय लेने की शक्ति Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsथोड़ा सा पानी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsहृदय की देह पर Rating: 5 out of 5 stars5/5यहाँ सलाह मुफ्त में मिलती है Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मञ्जूषा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsभकोल (कहानी) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबिक रही हैं बेटियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमुझे न्याय दो Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsव्यथा मेरी? (काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsवर्जिन: काव्य संग्रह Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsयहाँ अधिकारी शर्म से नहीं मरते! Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगाज Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsहम एगो छोट पन्ना पर का लिखी? (भोजपुरी काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबातें कुछ अनकही सी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsटेम्स की सरगम Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाव्य मञ्जूषा 2 Rating: 3 out of 5 stars3/5बचपन के झरोखे से (काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related to काव्य मञ्जूषा (काव्य संकलन)
Related ebooks
काव्य मञ्जूषा 2 Rating: 3 out of 5 stars3/5बातें कुछ अनकही सी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकम्बख्त यादें: तेरी यादों से जिंदगी गुलजार कर ली मैने। Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBhataktein Shabd Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsEk Baar To Milna Tha Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकुछ अनकहे जज़्बात: मन की बोली Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलिखूँ तुम्हारे लिए (write for you) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsShabdee Chauraaha Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMujhko Sadiyon Ke Paar Jana Hai Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमैं हूँ एक भाग हिमालय का Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDil se kalam tak Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsManchala मनचला Rating: 5 out of 5 stars5/5होगा सवेरा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsउद्घोष Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकांच से अल्फाज़ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMujhe Chalte Jaana Hai... Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsछेड़ दो तार (काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsदेवदार के फूल Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगुमशुदा जिंदगी Rating: 0 out of 5 stars0 ratings30 दिन 30 रातें 30 कविताएँ उफ़नते अनगिनत जज्बात Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसहेजी कतरन Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsक्या देखते हो… Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगुमशुदा की तलाश Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाव्यादर्श (काव्य संग्रह) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमेरे जीवन के एहसास Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsDiwaswapna Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबिक रही हैं बेटियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsइश्क की किताब Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकुछ एहसास कविताओं की कलम से Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआज की दुनिया: काव्य संग्रह Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related categories
Reviews for काव्य मञ्जूषा (काव्य संकलन)
0 ratings0 reviews
Book preview
काव्य मञ्जूषा (काव्य संकलन) - वर्जिन साहित्यपीठ
प्रकाशक
वर्जिन साहित्यपीठ
78ए, अजय पार्क, गली नंबर 7, नया बाजार,
नजफगढ़, नयी दिल्ली 110043
sonylalit@gmail.com; 9868429241
सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रथम संस्करण - अप्रैल 2018
ISBN
कॉपीराइट © 2018
वर्जिन साहित्यपीठ
कॉपीराइट
इस प्रकाशन में दी गई सामग्री कॉपीराइट के अधीन है। इस प्रकाशन के किसी भी भाग का, किसी भी रूप में, किसी भी माध्यम से - कागज या इलेक्ट्रॉनिक - पुनरुत्पादन, संग्रहण या वितरण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक वर्जिन साहित्यपीठ द्वारा अधिकृत नहीं किया जाता।
काव्य मञ्जूषा
(काव्य संकलन)
संपादन मंडल
ललित मिश्र और ममता शुक्ला
समर्पण
स्वर्गीय श्री ताराकांत मिश्र
श्रीमती मंजुला मिश्र
श्रीमती सोनी मिश्र
उत्कर्ष मिश्र
मरद अब दूसरी औरत ले आया है
मिथिलेश कुमार राय
मरद अब दूसरी औरत ले आया है
पहली औरत
पाँच बेटियाँ जनने के बाद
दरवाजे पर बँधी पशुओँ संग
अपना दिल लगाने लगी है
मरद जब भी उसे टोकता है
उसकी आवाज कर्कश होती है
एक छोटे से वाक्य मेँ
कई तरह की भद्दी गालियाें मेँ
मरद उसे रोज बताता है
कि उसकी किस्मत कितनी फूटी हुई है
यह सब देखती-सुनती पहली औरत
चुपचुप अपना माथा धुनती रहती है
और विधाता को कोसती रहती है
लोगोँ ने उसे कुछ भी बोलते बहुत कम सुना है
रोते बहुत देखा है
दूसरी औरत गर्भ धारण नहीँ करती
जैसे ही उसका मासिक ठहरता है
वह अजीब-अजीब हरकतेँ करने लगती है
जैसे वह अपने खाने मेँ
तीखी