Discover millions of ebooks, audiobooks, and so much more with a free trial

Only $11.99/month after trial. Cancel anytime.

मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह)
मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह)
मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह)
Ebook35 pages9 minutes

मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह)

Rating: 0 out of 5 stars

()

Read preview

About this ebook

"मेरी कलम रो रही है" कविता संग्रह प्रस्तुत करते हुए मुझे अतीव प्रसन्नता हो रही है। मेरी ये कविताएँ साहित्य के हर पहलू को छूती हुई मानव चेतना को पुष्ट करती जाती हैं। जहाँ सागर की विशालता हो, वहाँ एक बूंद के रूप में स्मृतियों में अंकित चंद भावनाओं को उकेर कर मैं आशा करता हूँ कि मेरे आत्म विश्वास का यह तुहिन कण भी सागर की अनंत धाराओं में शनै शनै चलते रहने का विश्वास न खोएगा !
"मेरी कलम रो रही है " को वर्जिन साहित्यपीठ ने प्रकाशन हेतु आमंत्रित किया है। मैं ललित मिश्र महोदय के प्रति आभारी हूँ जिनका मार्गदर्शन नवलेखन के लिए प्रसाद बना हुआ है !

"मेरी कलम रो रही है" कविता संग्रह प्रस्तुत करते हुए मुझे अतीव प्रसन्नता हो रही है। मेरी ये कविताएँ साहित्य के हर पहलू को छूती हुई मानव चेतना को पुष्ट करती जाती हैं। जहाँ सागर की विशालता हो, वहाँ एक बूंद के रूप में स्मृतियों में अंकित चंद भावनाओं को उकेर कर मैं आशा करता हूँ कि मेरे आत्म विश्वास का यह तुहिन कण भी सागर की अनंत धाराओं में शनै शनै चलते रहने का विश्वास न खोएगा !
"मेरी कलम रो रही है " को वर्जिन साहित्यपीठ ने प्रकाशन हेतु आमंत्रित किया है। मैं ललित मिश्र महोदय के प्रति आभारी हूँ जिनका मार्गदर्शन नवलेखन के लिए प्रसाद बना हुआ है !

"मेरी कलम रो रही है" कविता संग्रह प्रस्तुत करते हुए मुझे अतीव प्रसन्नता हो रही है। मेरी ये कविताएँ साहित्य के हर पहलू को छूती हुई मानव चेतना को पुष्ट करती जाती हैं। जहाँ सागर की विशालता हो, वहाँ एक बूंद के रूप में स्मृतियों में अंकित चंद भावनाओं को उकेर कर मैं आशा करता हूँ कि मेरे आत्म विश्वास का यह तुहिन कण भी सागर की अनंत धाराओं में शनै शनै चलते रहने का विश्वास न खोएगा !
"मेरी कलम रो रही है " को वर्जिन साहित्यपीठ ने प्रकाशन हेतु आमंत्रित किया है। मैं ललित मिश्र महोदय के प्रति आभारी हूँ जिनका मार्गदर्शन नवलेखन के लिए प्रसाद बना हुआ है !

Languageहिन्दी
Release dateMay 6, 2018
ISBN9780463873298
मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह)
Author

वर्जिन साहित्यपीठ

सम्पादक के पद पर कार्यरत

Read more from वर्जिन साहित्यपीठ

Related to मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह)

Related ebooks

Related categories

Reviews for मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह)

Rating: 0 out of 5 stars
0 ratings

0 ratings0 reviews

What did you think?

Tap to rate

Review must be at least 10 words

    Book preview

    मेरी कलम रो रही है (काव्य संग्रह) - वर्जिन साहित्यपीठ

    प्रकाशक

    वर्जिन साहित्यपीठ

    78ए, अजय पार्क, गली नंबर 7, नया बाजार,

    नजफगढ़, नयी दिल्ली 110043

    सर्वाधिकार सुरक्षित

    प्रथम संस्करण - मई 2018

    ISBN

    कॉपीराइट © 2018

    वर्जिन साहित्यपीठ

    कॉपीराइट

    इस प्रकाशन में दी गई सामग्री कॉपीराइट के अधीन है। इस प्रकाशन के किसी भी भाग का, किसी भी रूप में, किसी भी माध्यम से - कागज या इलेक्ट्रॉनिक - पुनरुत्पादन, संग्रहण या वितरण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक वर्जिन साहित्यपीठ द्वारा अधिकृत नहीं किया जाता।

    मेरी कलम रो रही है

    (काव्य संग्रह)

    कवि

    रूपेश कुमार

    अपनी बात

    मेरी कलम रो रही है कविता संग्रह प्रस्तुत करते हुए मुझे अतीव प्रसन्नता हो रही है। मेरी ये कविताएँ साहित्य के हर पहलू को छूती हुई मानव चेतना को पुष्ट

    Enjoying the preview?
    Page 1 of 1