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अपनी-अपनी व्यथा (लघुकथा संग्रह)
अपनी-अपनी व्यथा (लघुकथा संग्रह)
अपनी-अपनी व्यथा (लघुकथा संग्रह)
Ebook99 pages51 minutes

अपनी-अपनी व्यथा (लघुकथा संग्रह)

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खुशियां जब मिलती हैं तो मन को लुभाती है। ये हरेक चीज से मिल सकती है। किसी से मिलने पर खुशी मिलती है। कभी सम्मान मिलने पर हम इसे प्राप्त करते हैं। कभी पुस्तक छपने पर मन प्रफुल्लित हो जाता है। कभी कोई रिश्ता बन जाए तो मन खुशियों से भर जाता है। ये सब खुशियां प्राप्ति के रास्ते हैं। जो जाने-अनजाने हमें प्राप्त होते हैं।
बहुत अच्छा लगता है जब अच्छेअच्छे काम होते हैं। अच्छे-अच्छे लोग मिलते हैं। उन से हम प्रेरित होते हैं। छोटीछोटी सफलताएं हमें लुभाती है। किसी की बधाई और शुभकामनाएं हमें प्रेरित करती है। यही सब बातें हमें खुशियों से भर देती है। बस ! इन्हें प्राप्त करने की कला और इन्हें मनाने का मन होना चाहिए।

खुशियां जब मिलती हैं तो मन को लुभाती है। ये हरेक चीज से मिल सकती है। किसी से मिलने पर खुशी मिलती है। कभी सम्मान मिलने पर हम इसे प्राप्त करते हैं। कभी पुस्तक छपने पर मन प्रफुल्लित हो जाता है। कभी कोई रिश्ता बन जाए तो मन खुशियों से भर जाता है। ये सब खुशियां प्राप्ति के रास्ते हैं। जो जाने-अनजाने हमें प्राप्त होते हैं।
बहुत अच्छा लगता है जब अच्छेअच्छे काम होते हैं। अच्छे-अच्छे लोग मिलते हैं। उन से हम प्रेरित होते हैं। छोटीछोटी सफलताएं हमें लुभाती है। किसी की बधाई और शुभकामनाएं हमें प्रेरित करती है। यही सब बातें हमें खुशियों से भर देती है। बस ! इन्हें प्राप्त करने की कला और इन्हें मनाने का मन होना चाहिए।

Languageहिन्दी
Release dateMay 12, 2018
ISBN9780463896648
अपनी-अपनी व्यथा (लघुकथा संग्रह)
Author

वर्जिन साहित्यपीठ

सम्पादक के पद पर कार्यरत

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    अपनी-अपनी व्यथा (लघुकथा संग्रह) - वर्जिन साहित्यपीठ

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