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छेड़ दो तार (काव्य संग्रह)
छेड़ दो तार (काव्य संग्रह)
छेड़ दो तार (काव्य संग्रह)
Ebook52 pages17 minutes

छेड़ दो तार (काव्य संग्रह)

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About this ebook

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

छेड़ दो तार

छेड़ दो तार वीणा के हे शारदे
मन में दीपक प्रभा का दमकने लगे
खिल उठें सारी कलियाँ
पवन झूम ले
गुन गुनायें ये पंक्षी
गगन चूम ले
प्यार ही प्यार हो
हर दिशाओं में अब

Languageहिन्दी
Release dateMay 23, 2018
ISBN9780463445853
छेड़ दो तार (काव्य संग्रह)
Author

वर्जिन साहित्यपीठ

सम्पादक के पद पर कार्यरत

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    छेड़ दो तार (काव्य संग्रह) - वर्जिन साहित्यपीठ

    लेखक/संपादक मित्रों के लिए सुनहरा अवसर!!!

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    4. भेजने से पूर्व अशुद्धि अवश्य जाँच लें

    5. ईमेल में इसकी उद्घोषणा करें कि उनकी रचना मौलिक है और किसी भी तरह के कॉपीराइट विवाद के लिए वे जिम्मेवार होंगे।

    रॉयल्टी: रॉयल्टी 70% प्रदान की जाएगी (नोट: पुस्तक की पहली 10 प्रति की बिक्री का लाभ प्रकाशक का होगा। 11वीं प्रति की बिक्री से लेखक और संपादक को रॉयल्टी मिलनी शुरू होगी। बाकि रॉयल्टी का प्रतिशत वही रहेगा अर्थात 70% लेखक का और 30% प्रकाशक का।

    अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: ललित नारायण मिश्र (वर्जिन साहित्यपीठ) 9868429241

    प्रकाशक

    वर्जिन साहित्यपीठ

    78ए, अजय पार्क, गली

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