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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)
Ebook97 pages52 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की अठारहवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJun 13, 2018
ISBN9781370433216
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18)

    Copyright

    दो शब्द

    बिना डोरी पतंग Bina Dori Patang

    सोने के सिक्के Soney Ke Sau Sikkey

    किसी और से शादी Kisi Aur Se Shaadi

    फ़ोन नंबर Phone Number

    बिना चोरों की दुनिया Bina Choron Ki Duniya

    मैं भी मछली हूँ Main Bhi Machli Hoon

    छोटा सा ऋण Chota Sa Rin

    बुरे का अंत बुरा Bure Ka Ant Bura

    माँ, बाप, बेटी Maan, Baap, Beti

    चुम्बन Chumban

    रास्ता बताने के पैसे Rasta Bataane Ke Paise

    पूँछ हिलाइये, भौंकिये Poonch Hilaiye, Bhaunkiye

    पापा, जल्दी आइये Papa, Jaldi Aaiye

    सोचिये, मैंने क्या देखा! Sochiye, Maine Kya Dekha!

    साठवां जन्मदिन Sathwaan Janmdin

    सब खुश हुए Sab Khush Huye

    आखरी मुलाकात Akhri Mulakaat

    लाल नीला कोट Laal Neela Coat

    वो झूठ नहीं बोलता Wo Jhooth Nahi Bolta

    कामचोर शिक्षक Kaamchor Shikshak

    पानी का किराया Pani Ka Kiraya

    ह्रदय परिवर्तन Hriday Parivartan

    भगवान् का कैमरा Bhagwaan Ka Camera

    झड़ते बाल और तलाक Jhadtey Baal Aur Talaq

    इत्र की एक बूँद Itra Ki Ek Boond

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की अठारहवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    बिना डोरी पतंग Bina Dori Patang

    एक दिन एक पिता और उसका बेटा एक पतंग मेले में गए. आकाश में हजारों रंग बिरंगी पतंगें देख कर बेटा बहुत ही खुश हुआ. उसने अपने पिता से कहा, मुझे भी एक पतंग और एक चरखी धागा ले दीजिये.

    उसके पिता जी ने मेले की एक दुकान से बेटे के लिए एक सुन्दर सी पतंग और एक बड़ी चरखी धागे की खरीद दी. उसके बेटे ने वो पतंग आकाश में उड़ा दी. कुछ ही समय में उसकी पतंग नीले आकाश में बहुत ऊपर उड़ने लगी.

    कुछ देर बाद बेटे ने पिता से कहा, पिताजी, ऐसा लगता है हमारी पतंग और ऊपर जा सकती है परन्तु ये डोरी उसको रोक रही है. क्या मैं इसकी डोरी तोड़ सकता हूँ ताकि ये और ऊपर जा सके?

    पिता ने बेटे की ख़ुशी के लिए चरखी पर से पतंग की डोरी काट दी. पतंग बहुत तेजी से उनसे और ऊपर और दूर होने लगी. बेटा ये देख कर और भी खुश हो गया.

    परन्तु कुछ ही देर में वो पतंग नीचे आने लगी और अंत में दूर एक घर की छत पर गिर गयी. बेटा तो ये देख कर बहुत ही चकित हो गया.

    उसने अपने पिता से कहा, पिताजी, मैंने सोचा था के डोरी काट देने के बाद पतंग स्वतंत्र हो जाएगी और और ऊपर उड़ सकेगी, परन्तु वो तो उस घर के छत पर गिर गयी?

    पिता ने अपने बेटे से कहना शुरू किया, "बेटे, जब हमारा जीवन उत्थान पर होता है और हम ऊपर जा रहे होते हैं, हम सोचते हैं के कुछ चीजें हमको ऊपर जाने से रोक रही हैं.

    वास्तव में वो डोरी पतंग को ऊपर जाने से नहीं रोक रही थी, वो उस पतंग को ऊपर बने रहने में सहायता कर रही थी.

    हवा तेज़ होते समय और हवा कम होते समय, वो डोरी ही उस पतंग को थामे हुए थी. जब हमने डोरी काट दी उस पतंग का वो सहारा भी अंत हो गया और वो समर्थन जो उसको डोरी से मिल रहा था नहीं रहा और वो

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