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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 20)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 20)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 20)
Ebook89 pages45 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 20)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की बीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJun 14, 2018
ISBN9780463573501
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 20)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 20)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 20)

    Copyright

    दो शब्द

    दोनों हाथ खाली थे Dono Hath Khali They

    रूप और अंतरात्मा Roop Aur Antaratma

    गलती बताना और गलती सुधारना Galti Batana Aur Galti Sudharna

    बाँट के तो देखिये Baant Ke To Dekhiye

    सूरदास का क्रोध Surdas Ka Krodh

    बूढ़े का पौधा Boodhey Ka Paudha

    सही उत्तराधिकारी Sahi Uttaradhikari

    कुछ ही समय की बात है Kuch Hi Samay Ki Baat Hai

    कांच और आइना Kanch Aur Ainaa

    हार में जीत Haar Mein Jeet

    पैसा और मृत्यु Paisa Aur Mrityu

    आपके गुरु कौन थे Aapke Guru Kaun The

    अच्छाइयां बढ़ाइए Achhaiyan Badhaiye

    बेटी के लिए Beti Ke Liye

    तीन अमीर व्यापारी Teen Ameer Vyapari

    पहला मौका पकड़िये Pahla Mauka Pakadiye

    गले पे तलवार Galey Pe Talwaar

    अपनी क्षमता पहचानिये Apni Kshmta Pahchaniye

    सुन्दर सींग कुरूप टांगें Sundar Seeng Kuroop Tangein

    माफ़ करो भूल जाओ Maaf Karo Bhul Jao

    अफवाह से क्षति Afwaah Se Kshati

    पारिवारिक परंपरा Parivarik Parampara

    लालच और मृत्यु Lalach Aur Mrityu

    अनूठा प्रश्न Anutha Prashn

    लाओ त्सू की विद्वता Lao Tzu Ki Vidwata

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की बीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    दोनों हाथ खाली थे Dono Hath Khali They

    सिकंदर महान की बहादुरी के बारे में कौन नहीं जानता. उसने बहुत छोटी सी उम्र में ही आधी दुनिया पर अधिकार कर लिया था. वो एक के बाद एक बहुत से राज्यों को जीतता चला गया था और यूरोप से एशिया तक आ पहुंचा था.

    अपने देश वापिस जाते समय, सिकंदर महान बीमार हो गया. कहते हैं के भारत में पोरस के साथ युद्ध के दौरान उसको एक जहरीला तीर लगा था.

    कुछ लोग कहते हैं के उसको कोई रोग लग गया था. जो कुछ भी सच्चाई रही हो, ये तो सत्य है के सिकंदर महान की मृत्यु भरी जवानी में ही हो गयी थी.

    जब वो अपनी मृत्यु शैय्या पर पड़ा हुआ अपनी मौत की प्रतीक्षा कर रहा था, उसको अपनी माँ से मिलने की तीक्ष्ण इच्छा थी परन्तु वो जानता था के वो अपने देश नहीं पहुँच सकता था.

    जीवन के अंतिम क्षणों में सिकंदर ने अपने सेनापतियों को बुलाया और उनको कहा, "मेरी तीन इच्छाएं हैं. मेरी मृत्यु के बाद मेरी ये तीन इच्छाएं अवश्य पूरी कर देना. मेरी पहली इच्छा है के सिर्फ चिकित्सक ही मेरी लाश को कन्धा दें.

    मैं चाहता हूँ के जिस रास्ते से मेरी लाश गुजरे उस रास्ते पर हीरे, मोती, पैसे, और बहुमूल्य पत्थर बिखरा दिए जाएँ. मेरे खजाने से ये सब चीजें लेकर मेरी शव यात्रा के रास्ते पर बिखेर दिए जाएँ.

    मेरी अंतिम इच्छा है के जब मुझे कब्र में मिटटी के नीचे दफ़न

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