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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 30)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 30)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 30)
Ebook124 pages1 hour

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 30)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJul 5, 2018
ISBN9780463943793
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 30)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 30)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 30)

    Copyright

    दो शब्द

    फोटो फ्रेम Photo Frame

    अँधेरे में नाचना Andhere Mein Naachna

    बस यात्रा से प्रेम लीला तक Bus Yatra Se Prem Leela Tak

    शर्मीली Sharmili

    डर के साथ Dar Ke Saath

    गिरफ्तारी Giraftaaree

    लेखक Lekhak

    एक मिनट रुको Ek Minute Ruko

    2018 का सबसे अमीर व्यक्ति Sabse Amir Vyakti

    गलती तो कीजिये Galati To Keejiye

    कूड़े से करोड़पति तक Koodey Se Crorepati Tak

    एक और Ek Aur Prayas

    नामुमकिन कुछ भी नहीं Namumkin Kuch Bhi Nahi

    उपहार उसके लिए Uphaar Uskey Liye

    वो भ्रम नहीं था Wo Bhram Nahi Tha

    सबसे बुद्धिमान Sabse Buddhimaan

    अपना अपना नजरिया Apna Apna Najariya

    सब बराबर क्यों नहीं? Sab Barabar Kyon Nahi?

    मैं मरा नहीं Main Mara Nahi

    अवसर खो दिया Avsar Kho Diya

    आज़ादी के मतवाले Azadi Ke Matwaley

    हिन्दू मुस्लिम विवाद रोका Hindu Muslim Vivad Roka

    रॉकफेलर बिना टिकट Rockefeller Bina Ticket

    आपकी हमारी संस्कृति Apki Hamari Sanskriti

    अंग्रेज़ों को जवाब Angrezon Ko Jawab

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    फोटो फ्रेम Photo Frame

    वो सिर्फ बाईस वर्ष का था. कबाड़ी बाज़ार में असली कलाकृतियां या कोई छुपा हुआ खजाना खोजने वाले लोगों से वो बहुत ही कम उम्र का था. उस दिन उस बाज़ार में अधिकांशतः लोग अधेड़ उम्र के अनुभवी लोग थे. वो एक पुराना फोटो फ्रेम खोज रहा था.

    वो चित्र बनाता था पर उसको अपने बनाये हुए चित्रों को बहुत ही पुराने पुराने फोटो फ्रेमों में सजाना अच्छा लगता था.

    वो लोगों के चित्र पुराने फ्रेमों में लगाकर एक प्रकार का आनंद महसूस करता था. कभी कभी वो पुराना फ्रेम पहले खरीद लेता था और फिर उस फ्रेम के अनुसार ही चित्र बनाता था.

    उसके बनाये हुए बहुत से चित्र उसके स्टूडियो में ही रखे थे क्योंकि उसको उन चित्रों को सजाने के लिए पुराने फ्रेम नहीं मिले थे. उस दिन कबाड़ी बाज़ार में उसने एक मेज पर एक पुराना फ्रेम देखा.

    वो एक मजबूत, साधारण, लेकिन सुन्दर सा फ्रेम था. उसने सोचा के वो फ्रेम किसी काम करते हुए स्त्री या पुरुष के चित्र के लिए अच्छा होगा.

    उसने वो फ्रेम मेज पर से उठा लिया और उसमें लगाने वाले चित्र के बारे में कल्पना करने लगा.

    उस फ्रेम में पहले से ही एक फोटो थी और वो बहुत ही अच्छी लग रही थी. ये जीवन में पहली बार हुआ था के उसकी उस फोटो को फ्रेम से हटाने की हिम्मत नहीं हुई.

    वो उस चित्र को ना जाने क्यों नहीं फेंकना चाहता था. पहले वो जितने भी फ्रेम खरीदता था वो उसमें लगी हुई फोटो को निकाल कर फेंक देता था और अपने बनाये हुए चित्र लगा देता था.

    उसने उस फ्रेम में लड़की के चित्र को देखा. वो लगभग सोलह या सत्रह बरस की लग रही थी. साधारण सी लड़की बहुत ही प्रभावशाली लग रही थी. उसकी सुंदरता अलग ही प्रकार की थी. शायद उसका चित्र उसके अंदर की सुंदरता दिखा रहा था.

    उस लड़की के चित्र को देख कर उसने ऐसा महसूस किया के जैसे एक मुस्कान, एक हंसी, या एक विनम्र शब्द उस चित्र की सतह से बाहर आने वाला था. उसको लगा के उस चेहरे के अंदर बहुत कुछ अच्छा छुपा हुआ था. उसने उस चेहरे की उदारता पढ़ ली.

    उसने चित्र को देखते देखते ही महसूस किया के उसको चित्र वाले चेहरे से प्रेम हो गया था. उसने बहुत देर तक उस लड़की के चेहरे को देखा. फ्रेम तो साधारण सा था परन्तु उसके साथ जुडी भावनाएं साधारण नहीं थी.

    उसके दिमाग में बहुत से प्रश्न उठने लगे: कौन थी वो लड़की? उसकी उम्र क्या थी? क्या वो अभी तक जीवित थी? क्या वो विवाहित थी?

    वो चित्र और फ्रेम किसी विशेष स्थान पर किसी घर में क्यों नहीं रखा हुआ था? वो चित्र उस व्यक्ति के पास क्यों नहीं था जिसके लिए वो लड़की महत्वपूर्ण हो सकती थी?

    वो सोचने लगा के उस चित्र वाली लड़की को अवश्य ही किसी ने प्रेम किया होगा और उसने भी किसी से प्रेम किया होगा. उसके दिमाग में बहुत से चित्र उभरने लगे.

    उसने जोर से कहा, इस फोटो फ्रेम का मूल्य कितना है?

    मेज के पीछे खड़ी हुई एक ४० या ४५ वर्ष की औरत ने मुस्कुरा कर उसकी तरफ देखा. उस औरत ने कहा, "जब तुम इस चित्र को देख रहे थे मैं तुम्हारे चेहरे को

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