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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33)
Ebook95 pages48 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तैंतीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJul 8, 2018
ISBN9780463532423
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33)

    Copyright

    दो शब्द

    कुत्ता होने योग्य भी ना था Kutta Honey Yogya Bhi Na Tha

    हीरे कंकड़ समान Heerey Kankad Samaan

    परीक्षा पूर्ण हुई Pareeksha Poorn Hui

    सुंदर घड़े का पानी Sundar Ghade Ka Pani

    पत्नी से झगडे बन गए संत Patni Se Jhagde Ban Gaye Sant

    माँ की सीख Ma Ki Seekh

    पतझड़ की यादें Patjhad Ki Yaadein

    बस एक किसान Bus Ek Kisaan

    पत्थरों में हीरा Patharon Mein Heera

    दिये पर ध्यान Diye Par Dhyaan

    शत्रु पर विशवास मत करो Shatru Par Vishwaas Mat Karo

    सिकंदर और सिपाही Sikandar Aur Sipahi

    अपना पानी काट दिया Apna Pani Kaat Diya

    स्कूल से दूर भागने वाला School Se Duur Bhagney Wala

    मौन में तुमसे मिले Moun Mein Tumsey Miley

    बारिश को सुनना Barish Ko Sunana

    बुद्धू Buddhu

    मेरी दक्षिणा Meri Dakshina

    मर मिटने वाले Mar Mitney Waley

    तीसरा व्यावहारिक है Teesra Vyavharik Hai

    माइकल फैराडे की सादगी Michael Faraday Ki Sadgi

    चंद्रशेखर सीमा Chandrashekhar Seema

    निर्धन बालक Nirdhan Balak

    तर्क शास्त्र का प्रारम्भ Tark Shastra Ka Prarambh

    दयालु व्यक्ति Dayalu Vyakti

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की तैंतीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    कुत्ता होने योग्य भी ना था Kutta Honey Yogya Bhi Na Tha

    वो पांच या छे वर्ष का एक गरीब लड़का था. सांवला रंग, घुंघराले बाल, और फटे पुराने कपडे. उसके एक पाँव में घाव का एक निशान अभी तक बाकी था.

    हम उसको संजय कह लेते हैं. उसको भी नहीं मालूम के उसको ये नाम किसने दिया था क्योंकि उसकी जिंदगी में कोई उसका अभिभावक, सच्चा अभिभावक, तो था ही नहीं.

    एक दिन वो अपनी पुरानी खाकी नेकर पहने गर्मी में दिल्ली की सड़कों पर इधर उधर घूम रहा था. पैरों में जूते चप्पल तो थे नहीं. गरम सडकों पर उसको ऐसा लग रहा था जैसे किसी बहुत बड़े तवे पर चल रहा हो, पर अब तो इसका अभ्यास हो चुका था.

    वो एक बहुत बड़े शॉपिंग काम्प्लेक्स के सामने रुक गया और दुकानों में बिकने के लिए रखी गयी चीजों को लोभ से देखने लगा. अचानक उसने एक बहुत बड़ी चमचमाती काली कार देखी.

    कार उस शॉपिंग काम्प्लेक्स के सामने रुक गयी. उस कार में से एक बहुत अमीर औरत उतरी. उसने सामने की गहनों की दुकान की तरफ देखा.

    संजय ने देखा के उस अमीर औरत ने ऊँची एड़ी के सैंडल और काला चश्मा पहने हुए थे. उसने एक बहुत सुन्दर छोटे से कुत्ते को उठा रखा था.

    उसका ड्राइवर कुत्ते और उस औरत के सर के ऊपर एक छाता करके खड़ा था ताकि उन दोनों में से किसी को भी सूरज की गर्मी सीधी ना लगे.

    उस औरत ने अपने पर्स में से एक पानी की बोतल निकाली और एक बच्चों को दूध पिलाने वाली बोतल. उसने छोटी बोतल में पानी भरा और उस कुत्ते को निप्पल से

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