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खुन्नस
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खुन्नस

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चीन की एक प्रसिद्ध लोककथा जिसे चीन में कई शताब्दियों से लोग एक-दूसरे को सुनाते चले आये हैं...अब यह लोक कथा हिंदी में आपके सामने पेश है...

Languageहिन्दी
Release dateJul 12, 2018
ISBN9780463780848
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    खुन्नस - Alok Srivastava

    खुन्नस (चीन की लोककथा)

    आलोक श्रीवास्तव

    आदित्य श्रीवास्तव

    आशा श्रीवास्तव

    © Alok Srivastava, 2018

    © Aditya Srivastava, 2018

    © Asha Srivastava, 2018

    प्रथम संस्करण: 2018

    ऊपर आरक्षित कॉपीराइट के अधीन अधिकारों को सीमित किए बिना, लेखक की पूर्व-लिखित अनुमति के बग़ैर इस प्रकाशन के किसी हिस्से का न ही पुनरूत्पादन किया जा सकता है, न ही किसी माध्यम से (इलेक्ट्रॉनिक, यांत्रिक, फोटोकॉपी, रिकॉर्डिंग या अन्यथा) पुनर्प्राप्ति प्रणाली में संग्रहण, एकत्रण या वितरण किया जा सकता है। यदि कोई भी व्यक्ति इस पुस्तक की सामग्री, टाइटल, डिज़ाइन अथवा मैटर को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से तोड़-मोड कर इस्तेमाल में लाता है तो कानूनी हर्जे-खर्चे व हानि का ज़िम्मेदार वह स्वयं होगा।

    बिना लेखक की पूर्व-लिखित अनुमति के, इंटरनेट के माध्यम से या किसी अन्य माध्यम के द्वारा, इस किताब की स्कैनिंग, अपलोड और वितरण गैरकानूनी है और विधि द्वारा दंडनीय है।

    किसी भी प्रकार के वाद की स्थिति में, न्याय-क्षेत्र इलाहाबाद होगा।

    खुन्नस

    बहुत समय पहले की बात है। लुआनचुआन सियन (栾川县)1 में वांग नाम की एक विधवा अपने एकलौते लड़के मिंग-ली के साथ रहा करती थी। वे दोनों बहुत ही गरीबी में दिन गुजारा करते थे। एक दिन मिंग-ली जैसे ही सुबह सवेरे काम की तलाश में घर से बाहर निकला तो उसकी विधवा माँ ने उससे कहा ‘हम कल क्या खायेंगे, इस बात का मुझे जरा भी अंदाजा नहीं है!’

    ईश्वर ने मुंह दिया है तो पेट भी भरेगा। मुझे कहीं न कहीं से कुछ पैसे मिल ही जायेंगे, खुश होने की कोशिश करते हुए, लड़के ने जवाब दिया, हालांकि दिल ही दिल में वह आशंकित था कि वह किस दिशा में जाएगा।

    सर्दियां हमेशा से ही मुश्किल होती आयी हैं: भारी बर्फबारी और बहुत ही तेज सर्द हवाएं सर्दियों के लिए आम बात है। वांग के घर ने सर्दियों को बुरी तरह से सहा था। घर की छत अंदर की ओर धंस गयी थी, भारी मात्रा में गिरने वाली बर्फ ने इसे झुका दिया था। इसके बाद आये एक तूफान ने एक दीवार को बाहर ढहा दिया था; पूरी रात कड़ाके की

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