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आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)
आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)
आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)
Ebook61 pages29 minutes

आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)

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About this ebook

९ अक्टूबर २०१२ का दिन था. मलाला अपने सहपाठियों के साथ इम्तेहान के दिन स्कूल से घर वापिस आ रही थी. उस स्कूल की स्थापना मलाला के पिता ने की थी.

अचानक एक जगह सड़क पर एक नौजवान ने हाथ हिलाकर बस को रोका और बस के अंदर घुस गया. उसने पूछा, "मलाला कौन है?"

जब बस के अंदर बैठी हुई सभी लड़कियां मलाला की तरफ देखने लगी उस नौजवान ने एक बन्दूक निकाल ली और उसके चेहरे पर गोली दाग दी. उसने दो गोलियां और चलायी और वो गोलियां साथ बैठी लड़कियों को लगी.

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateNov 13, 2018
ISBN9780463340349
आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    आई एम् मलाला (सारांश हिंदी) - Raja Sharma

    आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)

    राजा शर्मा

    www.smashwords.com

    Copyright

    आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    आई एम् मलाला (सारांश हिंदी)

    Copyright

    परिचय

    भाग 1

    भाग 2

    भाग 3

    भाग 4

    भाग 5

    भाग 6

    परिचय

    आई एम् मलाला एक ऐसी लड़की की कहानी है जो स्वाट वैली, पाकिस्तान, में तालिबान के लड़कियों को स्कूल और कॉलेज ना भेजने के कठोर आदेश के विरुद्ध खड़ी रही और अपनी पढ़ाई करने के साथ साथ उस इलाके की सभी लड़कियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती रही. मलाला को जब वो १४ बरस की थी तालिबान ने गोली मार दी. बहुत लम्बे उपचार के बाद मलाला की जान बचाई जा सकी.

    आई एक मलाला उनकी आत्मकथा है जिसमें उन्होंने अपने बचपन से लेकर अस्पताल से बाहर आने और फिर उसके बाद समाज सुधार के काम और शिक्षा का प्रचार प्रसार करने सम्बन्धी सभी कामो के बारे में लिखा है.

    इस किताब को लिखने में क्रिस्टीना लैम्ब ने उनका भरपूर साथ दिया था. ये किताब ८ अक्टूबर २०१३ के दिन इंग्लैंड में प्रकाशित हुई थी. परन्तु ये दुखद है के इस पुस्तक को इसके प्रकाशन के बाद ही पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में प्रतिबंधित कर दिया गया था, परन्तु अब ये पुस्तक सभी जगह आसानी से उपलब्ध है.

    मलाला यूसुफ़ज़ई के पिता के अपने स्कूल थे और वो भी लड़कियों की शिक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे थे. वो समाज सुधार के कामो में आज भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.

    इस पुस्तक ने बहुत से अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कार भी जीते हैं. पुस्तक को बहुत सी भाषाओँ में अनुवादित किया जा चुका है. मलाला को विश्व का सबसे बड़ा शांति पुरुस्कार नोबेल प्राइज भी प्रदान किया जा चुका है.

    इस पुस्तिका में हमने उनकी किताब को ६ भागों में विभाजित किया है और पूरे उपन्यास का हिंदी में सारांश प्रस्तुत किया है. हम आशा करते हैं के ये उन छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी पुस्तक प्रमाणित होगी जो हिंदी माध्यम से पढ़े हैं और अब अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन कर रहे हैं.

    शुभकामनाएं

    राजा शर्मा

    भाग 1

    किताब आई एम् मलाला या मैं मलाला हूँ की प्रस्तावना में उस दिन का वर्णन दिया गया है जिस दिन पाकिस्तान की स्वाट वैली की पंद्रह वर्ष

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