नवोदय के हाइकु 1: नवोदय के हाइकू, #1
By रवि कांत अनमोल, Jatindar Kumar, Vaibhav Joshi and
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जवाहर नवोदय विद्यालय भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मेधावी ग्रामीण छात्र छात्राओं के लिए भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे आवासीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में कक्षा छः से बारह तक के छात्र पढ़ते हैं। यह पुस्तक जवाहर नवोदय विद्यालय , अंबाला के छात्र छात्राओं द्वारा लिखे गए हाइकु का संग्रह है जिसे हिन्दी उर्दु के प्रसिद्ध कवि श्री रवि कांत 'अनमोल' द्वारा संपादित किया गया है।
रवि कांत अनमोल
1997 से भारत के विभिन्न भागों में सेकंडरी स्कूलों में गणित, कंप्यूटर और हिन्दी भाषा के शिक्षण के साथ साथ रवि कांत अनमोल ने बच्चों में भाषा और गणित की रुचि बढ़ाने के लिए विभिन्न सफ़ल प्रयोग किए हैं। उन्होंने न केवल स्वयं कविताएं, निबंध और कहानियां लिखी हैं बल्कि अपने विद्यार्थियों को भी प्रेरित करके उनसे रचना करवाई है। गणित और कविता में उनकी विशेष रुचि रही है।
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नवोदय के हाइकु 1 - रवि कांत अनमोल
मेरे विद्यार्थी और उनके हाइकू
जुलाई २००६ में हिन्दी शिक्षक के रूप में नवोदय विद्यालय में आने के बाद से मैं अब तक चार राज्यों के चार नवोदय विद्यालयों में कार्य कर चुका हूँ। नवोदय विद्यालयों के बच्चों की रचनात्मता का मैं शुरु से ही कायल रहा हूँ। ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के कारण बहुत बार उन्हें इतना मौका नहीं मिल पाता कि वे अपनी रचनात्मकता को दुनिया के सामने रख सकें। लेकिन जब भी मौका मिलता है उनकी रचनात्मकता पूरे ठाठ-बाठ के साथ न केवल सामने आती है बल्कि लोगों को प्रभावित भी करती है।
नागालैंड के त्वेनसांग जिलें के नवोदय विद्यालय में, जहाँ हिन्दी बच्चों के लिए एक अनजान और कठिन भाषा थी वहां भी मैंने अपने कार्यकाल में देखा कि थोड़ी सी प्रेरणा पाते ही बच्चे अपनी पुस्तक की कविताओं को गीत बनाकर गिटार के साथ गाने लगे थे। आसाम के बोडोलैंड क्षेत्र में, जवाहर नवोदय विद्यालय चिरांग में तो कई बच्चे हिन्दी में कविता गीत और संसमरण महारत से लिखने लगे थे।