Bhoot Pret Ghatnaye: Stories from the esoteric world
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Bhoot Pret Ghatnaye - EDITORIAL BOARD
चेतावनी
रोमांचक रहस्य
भूत-प्रेतों की दुनिया भी अजीब होती है। सिर्फ कुछ लोग ही उनके अस्तित्व पर संदेह नहीं करते, बल्कि कई उदाहरण तो ऐसे भी हैं, जहां भूतों को भी यह मालूम नहीं चला कि वे कब भूत बन गये।
श्री मती ट्रायन हतप्र्भा थीं। उनको अपनी आखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था। उन्होंने हाथ बढाकर, नौसेना की वर्दी में सजे अपने पति सर जॉर्ज ट्रायन को छूना चाहा। यह देखकर, वहा उपस्थित मेहमानों की चीख निकल गयी कि लेडी ट्रायन का हाथ सर ट्रायन के आर -पार निकल गया।
इस प्रकार 22 जून, 1893 की उस शाम, लंदन के संपन्न नागरिको की शानदार बस्ती ईटन स्कवायर में आयोजित वह पार्टी भगदड़, चीख -पृकार और दहशत के माहौल में बदल गयी।
श्रीमती ट्रायन उसी वक्त बेहोश हो गयीं। तभी एक बुढिया ने सर ट्रायन से पूछा, आप जिदा हैं?
सर ट्रायन ने अचंभे से उस औरत को देखा और आंखो में गहरे अविश्वाश के भाव लिये, वह अचानक ही गायब हो गये।
उस वक्त तक ब्रिटेन की "शाहीँ नौसेना के 13 जहाज, के साथ वाइस एडमिरल सर ट्रायन लीबिया (Libiya) के निकट भूमध्यसागर में एक दुर्घटना में डूब चुके थे। उनके युद्धपोत -विक्टोरिया में पानी भर चुका था और सर ट्रायन 22 अफसरों तथा 36 नौसैनिकों के साथ सैकड़ो फूट गहरे पानी में समा चूकै थे। उनके साथ गये सिर्फ 25 अफसर और 259 नौसैनिक बचे थे, जिन्होंने किनारे पहुंचकर सारी घटना बतायी। एक अफसर मैलविल ने बताया कि विक्टोरिया के डूबते वक्त, सर ट्रायन एक ओर जहाज की रेलिंग पकड़े दृढ़ता से खड़े थे। वह दूर कहीं देख रहे थे। शायद उन्हें अपनी बीवी की याद सता रहीँ थी।
सर ट्रायन को पता ही नहीं चला होगा कि वह कब मरे और कब भूत बन गये।
इसी तरह का मामला न्यूहैंपटनशायर में करीब 60 साल बाद हुआ। वहां बैस स्मिथ के परिवार ने 98 साल पुराना एक जर्जर मकान खरीदा था। उस मकान में सारा सामान जर्जर हो चुका था। इसलिए उन्होंने मकान की मरम्मत करानी शुरू की। शुरुआत में तो सब ठीक -ठाक रहा। मगर जेसे ही मकान के एक कोने में बने बाथरूम से, लोहे का एक जंग लगा बाथटब हटाया गया, मानो कयामत आ गयी। उस दिन के बाद, मकान में एक बूढे का भूत लगातार र्रदखायी देने लगा।
लीबिया के निकट जलपोत विक्टोरिया (ऊपर) में दुर्घटना (नीचे) घाटी। मृत्यु के उपरांत भी सर ट्रायन (मध्य) को बिश्वास नहीं हुआ कि वे मर चूकै हैं।
भूत की सबसे पहली शिकार स्मिथ परिवार की बड़ी लड़की 14 वर्षीया मैरी हुई।
अपने कमरे में गहरी नींद में सो रही मैंरी को एक रात अचानक ही यह लगा, जैसे उसे दो मजबूत हाथों ने पकड़ लिया हो। उसकी घिग्घी बंध गयी। डरकर उसने चीखना शुरू कर दिया। मगर उसके मुंह से आवाज ही नहीं निकली। फिर वह बेहोश हो गयी। बेहोश होने से पहले उसने देखा, ड्रेसिंग गाउन पहने एक बूढा व्यक्ति, उस जगह, जहा पुराना बाथरूम था, दीवार में घुस रहा था।
अगले ही दिन मैरी की 4 वर्षीया बहन ट्यूलिप ने उसी बूढे को देखा। वह अपने बिस्तर से भागकर अपनी मां के कमरे में घुसकर बेहोश हो गयी। होश आने पर उसने कहा, डैडी, उस बूढे को भगा दीजिए। वह हमारे कमरे की दीवार में छिपा बैठा है ।
बाद में तो इसी तरह की रोमांचक घटनाओं की बाढ़ ही आ गयी। स्मिथ परिवार ने डरकर प्रख्यात परामनोवैज्ञानिल नार्मन गाथियर से संपर्क किया। वह भूत-प्रेत भगाने में भी माहिर थे।
गाथियर अपने साथ दो व्यक्तियों को लेकर स्मिथ के घर गये। उन दो व्यक्तियों में एक पादरी था और दूसरा प्रेतात्माओं से संपर्क के माध्यम (Medium) का काम करता था।
उन लोगों ने घर में घुसते ही बता दिया कि वहां वाकई किसी प्रेतात्मा का निवास है।
गाथियर ने स्मिथ को बताया कि वह प्रेतात्मा एक बूढे व्यक्ति फिलिप की है, जिसके 6 3 साल की आयु में, अचानक ही दिमाग अथवा दिल की कोई नस फटने से मौत हो गयी थी। वह मरते वक्त बाथटब में नहा रहा था। अत: उसकी अचानक हुई मौत मेँ, फिलिप को पता ही नहीं चला कि वह मर कर भूत बन गया है और लोग उसके भूत से डर कर ही मकान छोड़ गये हैं। सालों वह अपने मकान में, इधर से उधर मंडराता रहा। जब स्मिथ परिवार ने वह मकान खरीदकर उसमें रद्दोबदल करनी शूरू की हैं तो वह चौंका उसे क्रोध भी आया कि ये लोग, उसके मकान में क्या कर रहे हैं। जब उसका प्रिय बाथटब हटाकर नया टब लगाया गया, तो फिलिप के क्रोध की कोई सीमा ही नहीं रही।
फिलिप की बीवी एल्थिया भी मर चुकीं थी। मगर उसे मालूम ही नहीं था कि वह मर चुकी है। उसने गाथियर को बताया कि एल्थिया की आत्मा उसे कहीं नहीं मिली। जब गाथियर ने उससे पूछा कि क्या वह भूतों को मानता है? तो फिलिप ने कहा, ''मैं तो अपने घर में ही रहता हुं, बाहर क्या होता है, मुझे नहीं मालूम ।''
बूढे को यकीन ही नहीं आ रहा था कि वह मर चूका है ।
बहुत प्रमाणों के बाद उसे यकीन आया कि वह मर कर भूत बन चुका है। और जब उसे यह विश्वास हो गया, तो वह एक दरवाजे में घुसकर गायब हो गया।
फिर उस मकान में वह कभी नहीं दिखा। इसी प्रकार के एक और प्रसिद्ध मामले में भी कुछ दोस्ती को पता ही नहीं चला कि वे मर गये हैं।
ब्रिटेन की शाही वायुसेना द्वारा सन् 1914 में बनवाया गया एयरपोर्ट बिरशेम न्यूटन सन् 1948 के बाद से, छात्रों को भवन-निर्माण की शिक्षा देने के लिए प्रयोग किया जा रहा था। एक बार लंदन की एक व्यावसायिक संस्था ने छात्रों के लिए एक फिल्म बनवाने को कैमरा टीम वहां भेजी तो यूनिट के सदस्यों के साथ अजीब- अजीब हादसे हुए। सभी भाग आए। उस यूनिट का एक सदस्य टेनिस का शौकीन था। एयरपोर्ट के भीतर भवन में स्क्वाश के दो कोर्ट बने थे। एक वार वह वहीं खेल रहा था (स्क्वाश दीवार पर गेंद मारकर जल्दी -ज़ल्दी तथा ताकत से खेला जाता है), तभी अचानक ही उसे लगा कि उसे कोई देख रहा है। उसने देखा, हॅाल की ओर अपने वाली गैलरी मे, दूसरे विश्वयुद्ध की पोशाक में एक पायलट खडा था। वह उसे नाराजगी भरी नजरों से देखता हुआ एक दीवार में जा घुसा तो फिल्म यूनिट का वह सदस्य भी भाग आया।
इस घटना की खोजबीन प्रख्यात परामनोवेज्ञानिय पीटर क्लार्क ने की थी। बी.बी.सी. रेडियों ने भी उसमें मदद दी और पाया कि एयरपोर्ट के हॉल में अज्ञात सैनिकों की आवाजें और हवाई-जहाजों के उड़ने और उतरने की ध्वनियों भरी हुई थी।
कुछ समय बाद, सनृ 1972 में बी.बी.सी .की टेलीविजन टीम भी वहीं गयी। टीम के साथ यूरोप के प्रसिद्ध भूत-बाधा विशेषज्ञ जॉन सुटन भी थे। इस कार्यक्रम को लाखों लोगों ने टेलीविजन पर देखा। सुटन ने भृन-प्रेतों से संपर्क किया, तो पता चला कि वहां चार भूत थे। उनमें से एक वायुसेना का सिपाही विली था। विली ने दूसरे महायुद्ध के दौरान आत्महत्या की थी। विली जानता था कि वह मर चुका है। तीन भूत और भी थे, उनके नाम-गैरी (डस्टी), मिलर, पैट सुलिवन और गैरी आरनाल्ड थे-तीनों टेनिस पेमी थे। तीनों ही गहरे दोस्त थे और एक विमान दुर्घटना में अचानक ही मारे गये थे। अचानक हुए हादसे में, वह यह मान ही नहीं रहे थे कि उनके मृत्यु हो गयी है।
तीनों भूतो को यह अजीब-सा लगता था कि वे सबको देख सकते हैं, महसूस कर सकते है, मगर लोग उनसे बात करना ही नहीं चाहते। मजे की बात यह कि उनमें से कोई भी यह मानने को तैयार नहीं था कि वह मर चुका था।
एयरपोर्ट के हॅाल में प्रार्थनाएं की गयीं, चारों भूतों को धरती के लोभ से छुटकारा दिलाया गया।
ऐसे अनगिनत किस्से दुनिया-भर में सुनने को मिलते हैं।
सन् 1969 की बात है, ब्रिटेन में आँक्सफोर्डशायर के कैल्टन थियेटर में प्रख्यात लेखक जॉन मोरगन की कहानी हैंगिग वुड' पर, एक नाटक का रिहर्सल चल रहा था। यह कहानी एक स्थानीय सुंदरी मैरी ब्लैडी के चरित्र पर आधारित थी। मैरी ने अपने पिता को जहर देकर मार डाला था। बाद में अदालत से मैरी को फांसी हुई थी।
रिहर्सल के शुरू होते ही थियेटर के कोने में, छत की ओर लगा बड़ा-सा शीशा गिरा और चूर -चूर हो गया। थियेटर की बिजलियां अचानक ही जलने -बुझने लगी। दरवाजे अपने- आप खुलने-बंद होने लगे। सारे कलाकार परेशान हो गये। वे टॅार्चो की रोशनी में वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में सोच रहे थे कि थियेटर के पीछे, पर्दों के पास कुछ हरकत-सी हुई, इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते कि सन् 1752 में फासी पर चढायी गयी चर्चित-विवादस्पद सुन्दरी मैरी वहां प्रकट हो गयी। सारा हडकंप बंद हो गया। फिर तो हर बार रिहर्सल के वक्त मैरी वहा आती और नाटक की तैयारी दिलचस्पी से देखती। मगर वह कब आतीं और कब जाती हैं किसी को पता ही नहीं चलता। एक बार एक कलाकार ने मैरी से एक दिन पूछ ही लिया
क्या आप भूत बन चुकी हैं?" इस पर मैरी भौचक्की रह गयी। उसने कुछ नहीं कहा, मगर उसकी सूरत से ऐसा लग रहा था कि उसे यह बात सुनकर गहरा दु:ख पहुंचा था। शायद वह इस बारे में कुछ जानती ही नहीं थी। फिर वह अचानक ही गायब हो गयी और फिर कभी नहीं देखी गयी।
हीथ्रो का त्तिगडूडा
लंदन के विश्यविख्यातलंदन के विश्यविख्यात हीथ्रो एयरपोर्ट पर सन् 1948 की एक विमान दुर्घटना के बाद से विचित्र घटनाएं हो रही हैं। वहीं तीन भूत विमान- परिचारिकाओं, एयरपोर्ट कर्मचारियों तथा यात्रियों को जघ-तब डराते रहते हैँ ।
दक्षिण अफ्रीका के एक मशहूर सैनिक तानाशाह 15 जनवरी, 1978 को हीथ्रो एयरपोर्ट पहुंचे। ताजादम होने के लिए वह यूरोपियन टर्मिनल के अति विशिष्ट कक्ष में बने बाथरूम में गये। वहीं वह सोफे पर बैठे तो उन्हें लगा कि जैसे किसी की गोद में बैठ गये हों, चौंक कर वह खडे