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ु हजार
माहक के िलए बक से पय क िनकासी आसान बनाने क खाितर एटएम मशीन को अमल म" लाया
ग या था, ले&कन इन एटएम मशीन से आए &दन इतनी तरह क ग ड़ब&ड़यांसामने आ रह ह &क माहक
को कई बार खासी परे शानी उठानी पड़ जाती है। यह एटएम मशीन कभी नकली नोट उग ल दे ती है तो
कभी /बना नोट उग ले ह िनकाले ग ए पय क खाली रसीद बाहर &दखा दे ती है। ऐसे म" माहक को तमाम
अजीबोग रब परे शािनय से जूझना पड़ जाता है।
इसक वजह यह है &क भारतीय बक म" चाइनीज कं5यूटर तकनीक घर कर चुक है। जहांघर म" चाइनीज
सामान क ग ुणव8ा हमेशा घ&टया मानी जाती है और इसके &टकाऊपन पर हमेशा संशय बना रहता है।
वहंचीन म" बनी एटएम मशीन" भारतीय बक ने धड़<ले से लग ा ली ह । नतीजे सामने ह । एटएम मशीन
से जुड़ ग ड़ब&ड़यांऔर िशकायत" तेजी से बढ़ रह ह ।
अब एक नई िशकायत इन मशीन के साथ जुड़ है। इनके आसानी से चोर हो जाने क। हाल म" नोएडा म"
चोर हई
ु एटएम मशीन को इसी नज़र से दे खा जा सकता है। कहने को तो इसम" सुर@ा के पुAता इंतजाम
ह । ले&कन ऐन वB पर ये धरे के धरे रह जाते ह । मसलन चोर या लूट का अलामC न बजना या मशीन के
तार काटे जाने पर Dःवच यानी कंशोल Gम को खबर भी न लग पाना। इसक िमसाल है /पलुखवा म" हआ
ु
एटएम से चोर का ूयास Dजसम" ग स
ै कटर के इःतेमाल से लग ी आग के बाद एक लाख के नोट जल
ग ए। और चोर आराम से भाग भी ग ए।
ये एटएम मशीन मरIमत के िलये खुली होने क Dःथित म" Dःवच के साथ अपना संपकC तोड़ दे ती है। ऐसे
समय बक अिधकार या एटएम वड र के सामने मशीन क आवँयक मरIमत क जाती है। परंतु आजकल
एटएम मशीन क चेःट या ितजोर खुली होने क दशा म" भी ये मशीन" Dःवच को झूठा संदेश दे ते हए
ु
आनलाइन रहती ह । यानी ऐसा संभव है &क मशीन चोर ले जाएंऔर Dःवच को खबर भी न लग े।
एटएम मशीन के कल पुजK ह या पूर एटएम मशीन क स5लाई &कसी भी नाम वाले एटएम मशीन क
आपूितC लग भग 75 ूितशत कम मू<य पर उपलNध कराने के चाइनीज /वOापन इंटरनेट पर भी मौजूद ह ।
यानी एटएम मशीन का पूरा माकKट ह मे दायरे म" फंसा है। कहने को /वनकोर, डाइबो<ड और एन सी
आर जैसी ह एटएम स5लाई करने वाली कंपिनयांऔर अकसर यह कंपिनयांवा/षCक रखरखाव का ठे का
भी लेती ह । पर Sयादातर मशीन" चाइनीज तकनीक वाली ह । इनक भारतीय मानक संःथान से ग ुणवता
जांच न होने से बेरोकटोक इस खेल म" जनता का धन लुटा जा रहा है। कोई भी इTह" स5लाई करने के
िलए मे बाजार से खरद सकता है।
Uया कारण है &क VरजवC बक के िनर@क बक के ःशांग Gम म" यह दे खना नहंभूलते &क ितजोर को
जमीन म" सीम"ट बजर के साथ जमाया ग या है &क नहं? वहंलाख पय से भर एटएम क ितजोर को
शायद चोर क सु/वधा के िलए /बना मजबूती से जमाए छोड़ &दया जाता है। यह कारण है &क इसे कभी
भी कोई योजना बना कर कभी भी शक म" लादकर चलता बन सकता है! खतरे क बात यह भी है &क
एटएम क ितजोर तक स5लायर क एूोच हरदम बनी रहती है। एटएम के पासवडC से लेकर, खोलने-बंद
करने के सारे राःते उसी के ईजाद &कए हए
ु ह । जब चाइनीज हैकर ूधानमंऽी कायाCलय म" स"धमार करने
से नहं&हच&कचाते तो इन एटएम मशीन तक पहं
ु च बनाना उनके िलए कहांमुDँकल है?
कहने को हर माह बक के हैड आ&फस से लेकर स&कCल आ&फस तक बनी आईट कमे&टयांइस िसःटम क
किमय को ढकने के िलए बैठक" करती ह । बक क यूिनयन भारत क आिथCक दशा पर घ&ड़याली आंसू
बहाने या हड़ताल करने तक सीिमत ह - इस ग ोरखधंधे क खबर पर ये भी सीधे &ट5पणी करने से
&हचकते ह , मान दाएं-बाएंरहकर उTह" भी इस पर चुप रहने म" भलाई लग ती हो।
ऐसी िशकायत को लेकर जब माहक बक के चUकर लग ाते ह तो बक अपने काल स"टर का नंबर थमा दे ते
ह । पूरे भारत के िलये टोल ृ नंबर पर चलाए जा रहे इस काल स"टर क लाइन िमलना ह पहले तो
मुDँकल है और िमल भी जाए तो आधे घंटे क बातचीत के बावजूद माहक को राहत नहंिमल पाती।
सामाTयत: काल स"टर माहक को /बना मांग े िशकायत संAया तक उपलNध नहंकराते। माहक िशकायत
संAया लेकर मानिसक तनाव मःत हो इससे कहंबेहतर है &क बक म" जाकर चैक से अपनी रािश िनकाले
और इन झंझट से मुB रहे ।
माहक को यह भी जान लेना चा&हए &क एटएम काडC और इंटरनेट ब&कंग के आवेदन पर साफ िलखा है
&क &कसी &कःम के नुकसान के िलए बक क जवाबदे ह नहंहोग ी। जब बक के भीतर सरवर ठ5प होना
आम है तो घर या ऑ&फस से नेटब&कंग करना हमारे दे श म" /बलकुल सरल नहंमानना चा&हए। है&कंग
और पासवडC चोर म" बककिमCय क संिलdता के मामले भी अब खुलने लग े ह । भले ह VरजवC बक ने
सरUयूलर िनकाले ह &क चार &दन के भीतर नकद न िमलने क घटना को सुधारा जाना जGर है ले&कन
ऐसा कोई िसःटम अभी बक के पास नहंहै &क वे इतनी शीयता से इस खामी का पता लग ा कर उिचत
कारC वाई कर सक"।
एटएम मशीन पर नाम तो बक का रहता है, ले&कन fयवःथा बाहर एज"िसय को ठे के पर दे द जाती है।
इनसे काम लेना बक अिधकाVरय के वश से बाहर हो चुका है Uय&क इन एज"िसय क पहं
ु च ऊपर तक
होती है। मजे क बात है &क लापरवाह या ग ड़बड़ मशीन स5लाई करने वाली कंपनी क तरफ से होती है
Dजनका कहंDजब नहंहोता। एटएम मशीन स5लाई करने वाली कंपनी ह तय करती है &क िशकायती
माहक को भुग तान हआ
ु है &क नहं। अनेक बार ये कंपनी भी शत ूितशत भुग तान होने क ग ारTट नह
करती। &फर भी इन वैकD<पक &डलीवर चैनल पर भरोसा कर बक माहक क जेब खाली कर रहा है और
साथ ह एक बड़ रकम का िनयिमत इन ग रैजGर बाहर फमh को भुग तान करता है। भारतीय बक के
उiच ूबंधन ने घ&टया तकनीक वाली एटएम मशीन को खरदकर न केवल करोड़ पय के अपfयय को
अंजाम &दया है साथ ह माहक के साथ भी /वjासघात &कया है।
औसतन 10 लाख पय क लाग त से ःथा/पत होने वाले एक एटएम मशीन क खरद म" ये भी नहं
दे खा ग या &क ये मशीन पय क पहचान कर सकती है या नहं। VरजवC बक ने यूंतो ूkयेक एटएम
क@ म" दो खु&फया कैमरे क fयवःथा अिनवायC क हई
ु है, ले&कन ये पोलपlट /पछले &दन तब खुली,
जब एक अिनवासी भारतीय टे Uसटाइल इंजीिनयर जेपी शमाC के खाते म" पहले तो /बना मांग े &द<ली क
शाखा से एटएम काडC इँयू हो ग या लाख पये क रािश एटएम से िनकाली ग ई। यह रािश सुबह ऐसे
एटएम से िनकाली ग ई जहांकैमरे काम नहंकर रहे थे। एटएम मशीन के भीतर एक कैमरा होना चा&हए
और एक सीसीटवी कैमरा क@ म" होना चा&हए। इन कैमर के ूचालन और वी&डयो फुटे ज क रखरखाव
क DजIमेदार म" बक के अिधकार पारंग त नहंहै। ूाइवेट फमC वाले इस महkवपूणC काम को अंजाम दे ते
ह और एटएम मशीन क तरह ये &डवाइस भी ऐन वB पर दग ा दे जाती ह ।
खोए हए
ु एटएम काडC क समःया
आप अपने खोए हए
ु एटएम काडC को अपने बक म" जाकर किसल नहंकरवा सकते। बक दावा करता है
&क आप &कसी भी शाखा से एटएम काडC इँयू करवा सकते ह , ले&कन यह काडC खो जाए तो पहले आप
को बक के काल स"टर म" इसक िशकायत दजC करानी है। िशकायत नंबर लेकर आप को बक को सूिचत
करना है। खोए हए
ु एटएम काडC से नकद िनकालने के अलावा खरददार भी संभव है सो माहक चाहता है
&क तुरंत उसे खोए काडC से मु/B िमलनी चा&हए। एटएम काडC का ग लत इःतेमाल हो तो आपको पुिलस
या कोटC कचहर करनी पड़ सकती है।
- बक एटएम ूचालन के िलए अपने उन अिधकाVरय क टम बनाता है जो अTय कायर" म" भी fयःत
रहते ह और उTह" एटएम का जोग रा&फया भी ठmक से नहंपता होता। ऐसे म" ठे के वाली कंपिनय से सह
काम लेना इन अिधकाVरय के बूते से बाहर रहता है। हद यह है &क ये एटएम मशीन" िसफC माहक क
जेब ह नहंकुतरती अब इसक जद म" बक के कोष और बक अिधकार भी आने लग े ह । जब मशीन
Sयादा नकद का भुग तान कर दे ती है और एटएम मशीन क नकद म" कमी आती है तो इस क भरपाई
के िलए सIबn बक कमo से वसूली क जाती है।
- कभी मशीन आवाज करती रहती है, पैसा बाहर नहंिनकलता और एटएम ह ग हो जाता है। कभी यह
रािश &कसी दसरे
ू माहक को अनायास ह िमल जाती है Uय&क रािश बीच म" अटक रहती है और एटएम
अचानक काम करना शुG कर दे ता है। कभी माहक क यह रािश एटएम म" नकद, काग ज या Vरबन फड
करने वाली कIपनी के काVरंदे के हाथ भी लग जाती है।
- एटएम मशीन के म"टनस के नाम पर एटएम म" नकद भरना, दो बार &दन म" एटएम पVरसर क
सफाई, एयरकंडशन का चालू रहना, एटएम मशीन का जीरो डाउन होना, सुर@ा क q/r से qँय और
अqँय कैमर का चालू रहना, एटएम से हर ूचालन क पचo िनकलना, दरवाजे का बंद रहना ता&क एक
समय म" एक माहक एटएम म" रहे , रात म" पयाCd रोशनी क fयवःथा, सुर@ा के िलये ग ाडC आ&द इनके
वा/षCक मेटनस के कुछ ूमुख &हःसे ह Dजनका पालन नहंहोता। मशीन हमेशा िनरापद भुग तान करे और
मानवीय भूल को पकड़ने म" ये स@म हो ऐसी बात को इनक खरद म" नजरंदाज &कया जाता है। ये
मशीन" &कसी भी मानक Nयूरो से ःवीकृ त नहंह । करोड़ क धनरािश को खुले हाथ लुटाने के पीछे िनसंदेह
Uया खेल है, इसे सीबीआई जैसी संःथाएंह उजाग र कर सकती ह ।
एटएम मशीन के इःतेमाल म" इन &दन कुछ ग ड़ब&ड़यांदे खने को िमल रह ह । एक समःया मशीन से
नकली नोट िनकलने क है Dजसम" नुकसान एटएम यूजर को होता है। हालां&क ऐसे मामल क संAया
कम ह है। एटएम मशीन म" पय क फ&डंग दो ःतर पर होती है, पहली ःवयंबक tारा और दसर
ू
&कसी ःवतंऽ एज"सी tारा। जहांपैस क फ&डंग ःवयंबक tारा क जाती है, वहांनकली नोट क ःबिनंग
करना तुलनाkमक Gप से अिधक आसान है। सुर@ाkमक उपाय म" नकली नोट िमलने पर fय/B संबिंधत
बक के ॄांच हैड को िशकायत कर सकता है। इसके अलावा पांच नकली नोट िमलने पर उसक एफआईआर
दजC हो सकती है, पर @ितपूितC नहंहोती। इसके अलावा कुछ बक tारा कैसेट ःवैप िसःटम अपनाया जा
रहा है, Dजसम" पय क फ&डंग कर" सी टे ःट के बाद ह क जाती है Dजसे अब सब जग ह अपनाए जाने
का /वचार है।
इसके अलावा, &डटे Uटर इंःटॉल &कए जा रहे ह , हालां&क यह ू&बया ःलो है, Uय&क नकली नोट क
ःबिनंग होने के बाद मशीन क जाती है और पैसा बाहर आने म" दे र लग ती है। ग ड़ब&ड़य को रोकने के
िलए टाःक फोसC का ग ठन जGर होग ा। यूजसC एटएम काडC लेते समय सभी शतK व िनयम जGर पढ़" ।
एटएम काडC या पैसे लेते समय िनधाCVरत समयसीमा का अवँय पालन कर" । य&द यूजर ने िशकायत कराई
व बक 12 &दन के भीतर इसका जवाब नहंदे ते ह , तो इसक पैन<ट बक 100 पए रोज दे ता है। यह
पैन<ट पहले बीस पए थी।
एटएम मशीन क पूर ू&बया कं5यूटर आधाVरत है, यह कारण है &क इसम" धोखाधड़ के मामले भी
सामने आ रहे ह । शो<डर स&फCग , काडC ःकिमंग , सॉ^टवेयर ट पVरंग , हाडC वेयर मॉ&ड&फकेशन आ&द सभी
काम &कए जा रहे ह । हालां&क आधुिनक तकनीक से जुड़ धोखाधड़ क जग ह भारत म" Dजतने भी एटएम
धोखाधड़ के मामले सामने आ रहे ह , वह /पन नंबर क अनदे खी के ह Dजसम" बक tारा एटएम काडC के
सह इःतेमाल के संबंध म" माहक को पूर तरह जाग क करना भी शािमल है। हाल म" सामने आए दो
मामल म" धोखाधड़ क बेहद सरल तकनीक अपनाई ग ई है। धोखेबाज ऐसी जग ह चुनते ह , जहांदो या दो
से अिधक मशीन" लग ी होती ह ।
ऐसे जब भीड़ Sयादा होती है और माहक काडC मशीने के अंदर डालता ह , तो वह fय/B दसरे
ू को कहता है
&क इस मशीन क मरIमत हो रह है और आप दसर
ू मशीन का उपयोग कर ल"। इतने म" वह बैल"स चैक
करता है और उसका सफाया कर दे ता है। ऐसे ह एक अTय मामले म" एटएम से पैसे क धोखाधड़ म"
ु हए
बक के कमCचार ह शािमल पाए ग ए ह । माहक के िलए ःकमसC, मशीन के आस-पास छपे ु कैमरा
अथवा &कसी संदेहाkमक इलेUशॉिनक मशीन से सावधान रहना चा&हए। काडC मशीन म" फंसने क Dःथित म"
परे शान न होते हए
ु एटएम म" &दए ग ए आपातकालीन नंबर पर सं
पकC करना चा&हए। ग ाडC से भी बात कर
सकते ह । भारत म" /विभTन एटएम जालसाजी के मामले आईपीसी क धारा जैसे 379(चोर), 420
(धोखाधड़), 468 (इलेUशॉिनक VरकॉडC क चोर) आ&द।
VरजवC बक ह उप ग वनCर उषा थोरट क अय@ता म" बने एक उiच ःतरय व&कCग मुप से भ/वंय के
एटएम का यह रोडमैप तय &कया है। ऐसा रोडमैप तय करने क मजबूर ॅr बक कमCचाVरय◌े ने पैदा
क है। दरअसल नोट सा&टC ग मशीन नकली और असली नोट का पता लग ाती है। यह वह मशीन है जब
आप बक काउंटर पर पैसा जमा या िनकालने जाते ह तो आपके हाथ म" पैसा उससे ग ुजरता हआ
ु आप तक
आता है। यह बात एटएम म" भी लाग ू है।
एटएम म" पैसा इसी सा&टC ग मशीन से होकर जाता है। ले&कन वहांिनकलने लग ते ह नकली नोट। सा&टC ग
मशीन से एटएम तक का राःता कैसे तय होता है। रहःय इसी म" है। इसके िलए मैन ह ड िलंग से बचने
का तरका नहंहै। बक ूशासन अपने सभी एटएम म" कर" सी रोजाना लोड करता है। VरजवC बक का
मानना है &क ऐसी अिनवायC fयवःथा म" अग र एटएम म" ह इन/ब<ट िसःटम लग जाएग ा तो &कसी को
परे शानी नहंउठानी पड़े ग ी। यह और बात है &क ॅr बक कमCचाVरय क अितVरB कमाई खटाई म" पड़
जाए। वैसे VरजवC बक ने बक को यह भी कहा है &क वे अपने यहांएक उiच ःतरय सिमित ग &ठत कर
इस नकली नोट क समःया का रोजाना संOान ल" और इससे संबिंधत समःयाओंका तुरंत िनराकरण
करने क &दशा म" ूभावी कदम उठाएं।
बक म" नकली नोट क समःया के समाधान के िलए एक सतकCता ूको ःथा/पत &कया ग या है।
आरबीआई ने कहा है &क एटएम ग ित/विधय म" लग े एज"ट का ऑ&डट होना चा&हये। बैक को सुिनDत
करना चा&हए &क उनके एटएम से सह नोट ह /वतVरत ह। VरजवC बक इस बात को लेकर िचंितत है &क
दे श म" नकली नोट क संAया बढ़ती जा रह है। दे श म" कुल नोट क संAया लग भग 48.86 अरब है
Dजनका मू<य 681113 करोड़ पये है।
VरजवC बक ने एटएम संचालन के िनयम भी घो/षत &कये ह । इनके मुता/बक इTह" बक अपने कपस और
बाहर दोन ःथान पर रख सकता है। अब कपस से बाहर एटएम ःथा/पत करने के िलए आरबीआई से पूवC
अनुमित जGर नहंहै, ले&कन उसक ःथापना के बाद उसका पूरा Nयौरा आरबीआई को दे ना होग ा। उसके
जVरए शांजU
ै शन का पूरा Nयौरा भी रखना होग ा। एटएम स"टर म" िसUयूVरट ग ाडC के अलावा और &कसी क
तैनाती नहंहोग ी। साथ ह काडC हो<डर के बग रै उपयोग &कये हये
ु अग र पैसे िनकल जाते ह तो उसक
िशकायत बक से करनी होग ी और बक उसक जांच करे ग ा। जांच म" िशकायत सह पाये जाने पर संबिंधत
रािश 12 &दन के अंदर माहक को बक दे ग ा।
दे श म" अभी और एटएम लग "ग े।
/वदे श म" तो बक अपने माहक के ॄांच आने पर उससे एक रािश वसूल लेते ह । इसिलए &क अग र माहक
बक आएंग े तो बक को अपनी शाखाओंक संAया और उनके पVरसर को सु/वधाओंसे लैस रखना होग ा।
उसक सफाई तथा अTय रखरखाव पर खचC करना होग ा। दे श म" अभी और एटएम लग रहे ह । यह
भुग तान का एक ब&ढ़या जVरया है।
जहांतक किमय क बात है, तो ये भारत है। यहांकोई भी तकनीक सौ ूितशत कामयाब नहंहो सकती।
कभी पावर और कभी सरवर फेिलयर होने से समःयाएंरहती ह ह । सौ ूितशत तो यह िसःटम /वदे श म"
भी कामयाब नहंहै। इतना जGर है &क इससे माहक को बक म" लंबी लाइन म" खड़े होने से बचाव हो
जाता है। अग र कोई एटएम उखाड़कर ले जाए तो इसम" बक के माहक का कोई नुकसान नहंहै। /बना
/पन काडC के खाते से एमांउट चोर नहंहो सकता। पहले एटएम का इःतेमाल करने से लोग Dझझकते थे,
ले&कन आज यह एक ऐसी जGरत बन ग या है &क अब इसका इःतेमाल केग ा नहं।