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भारतीय सार्वजनिक स्र्ास््य मािक

(Indian Public Health Standard)


(IPHS)
सामुदानयक स्र्ास््य केंद्र के लिए ददशानिदे श

स्र्ास््य सेर्ा महानिदे शािय


स्र्ास््य एर्ं पररर्ार कल्याण मंत्रािय
भारत सरकार
वर्षय-सूची
पररचय: सामद
ु ानयक स्र्ास््य केंद्र ........................................................................................................... 3

भारतीय सर्वजनिक स्र्ास्थ मािकों के उद्देश्य ......................................................................................... 4

CHC में सेर्ा वर्तरण ............................................................................................................................... 4

मैनपॉवर (श्रम शक्ति) .................................................................................................................... 9

ज ांच सच
ू ी: ........................................................... 13

अिब
ु ध
ं 1 : िर्जात की दे खरे ख के लिए CHC में सवु र्धा..................................................................... 16

अिब
ु ध
ं 1A: OT/प्रसर् कमरे में िर्जात की दे खरे ख ............................................................................. 16

अिब
ु ध
ं 1B: िर्जात दे खभाि इकाई स्स्थरीकरण .................................................................................. 17

अिब
ु ध
ं 2: संशोधधत राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कायवक्रम के संबध
ं में आर्श्यकतायें ................................ 18

अिब
ु ध
ं 3: राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कायवक्रम: ददशानिदे श ....................................................................... 20

अिब
ु ध
ं 7A : प्रारूप P (साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP) ..................................................................... 21

अिब
ु ध
ं 7A : प्रारूप P (साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP) ..................................................................... 21

अिब
ु ध
ं 7B : प्रारूप L (साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP) ...................................................................... 22

अिब
ु ध
ं 7C : पर्
ू व चेतार्िी के संकेतों / फैििे की तात्कालिक ररपोदटिं ग के लिए प्रारूप ........................ 23

अिब
ु ध
ं 8: संस्था आधाररत मात ृ मत्ृ यु समीक्षा प्रारूप .......................................................................... 24

अिब
ु ध
ं 9: CHC में उपकरणों की सच
ू ी................................................................................................... 28

अिब
ु ध
ं 10: दर्ाइयों की सच
ू ी ............................................................................................................... 35

अनब
ु ांध 13: आदशश न गररक घोषण पत्र................................................................................ 57
अिब
ु ध
ं 14: सांवर्धधक अिप
ु ािि की सच
ू ी ........................................................................................... 60

अिब
ु ध
ं 16: संक्षक्षप्त िामों की सच
ू ी ..................................................................................................... 61

सन्दभव सच
ू ी ........................................................................................................................................... 63

IPHS को पि
ु : तैयार करिे र्ािे कायवदि के सदस्यों की सच
ू ी .............................................................. 64
पररचय: स मुद ययक स्व स््य केंद्र
भारत में स्र्ास््य दे खभाि वर्तरण अथावत ् प्राथलमक, माध्यलमक और तत
ृ ीयक तीि स्तरों पर पररकल्पिा की

गई है I स्र्ास््य दे खभाि के माध्यलमक स्तर अनिर्ायव रूप से, सामद


ु ानयक स्र्ास््य केंद्रों (सीएचसी) में शालमि

प्रथम रे फरि यनू िट (FRUs) और उप-स्जिा और स्जिा अस्पतािों से बिता है I सीएचसी डिजाइि ककए गए थे

ताकक प्राथलमक स्र्ास््य केन्द्रों के स्तर से मामिों के लिए और केंद्र से सीधे आए वर्शेषज्ञ दे खभाि की जरूरत

होती मामिों के लिए रे फरि स्र्ास््य दे खभाि प्रदाि की जा सके I 4 पीएचसी 1 सीएचसी के अंतगवत आते हैं तो

करीबि 80,000 आबादी आददर्ासी / पहाडी / रे धगस्तािी इिाकों में और 1,20,000 आबादी मैदािी क्षेत्रों में परू ा

करता है I सीएचसी एक 30 बबस्तर र्ािे अस्पताि धचककत्सा, प्रसनू त एर्ं स्त्री रोग, सजवरी, बाि धचककत्सा, दं त

धचककत्सा और आयष
ु में वर्शेषज्ञ दे खभाि प्रदाि कर रहा है I माचव 2010 के अिस
ु ार ग्रामीण स्र्ास््य सांस्ययकी

बि
ु ेदटि 2010 की स्स्थनत के अिस
ु ार 4535 सीएचसी दे श में कायव कर रहे हैं। ये केन्द्र हािांकक उन्हें सौंपे कायों को

केर्ि एक सीलमत हद तक परू ा कर रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्र्ास््य लमशि (एिआरएचएम) का प्रक्षेपण हमें

अपिे कामकाज को एक िया रूप दे िे का अर्सर दे ता है । एिआरएचएम सीएचसी सेर्ाओं को भारतीय िोक

स्र्ास््य मािकों के स्तर पर िािे की पररकल्पिा करता है I हािांकक 30 बबस्तर र्ािे अस्पताि के लिए मौजद
ू ा

रूप में भारतीय मािक ब्यरू ो द्र्ारा निधावररत मािक पहिे से ही हैं , इि मािकों को प्राप्त िहीं ककया जा सकता

क्योंकक ये बहुत संसाधि गहि हैं I राष्ट्रीय ग्रामीण स्र्ास््य लमशि के तहत, स्र्ास््य गनतवर्धधयों को बढार्ा

दे िे के लिए मान्यता प्राप्त सामास्जक स्र्ास््य कायवकताव (आशा) प्रत्येक गांर् में पररकस्ल्पत ककया जा रहा है I

आशा के होिे पर र्हााँ स्र्ास््य सेर्ाओं के लिए मांग का उभार होिा स्र्ाभावर्क है और इस प्रणािी चि
ु ौती का

सामिा करिे के लिए तैयार होिे की जरूरत है I प्रणािी की केर्ि ये आर्श्यकता िहीं है कक ज्यादा मरीज भार को

संभािे, बस्ल्क गण
ु र्त्ता के पहिओ
ु ं पर भी ध्याि दे िे की ज़रुरत है ताकक रोगीयों की संतस्ु ष्ट्ट के स्तर को बढाया

जा सके I सेर्ाओं की गण
ु र्त्ता सनु िस्श्चत करिे के लिए, भारतीय िोक स्र्ास््य मािकों (IPHS) सीएचसी के

लिए स्थावपत ककया जा रहा है ताकक एक मापदं ि प्रदाि की जा रही सेर्ाओं को मापिे के लिये हो I यह दस्तार्ेज

एक न्यि
ू तम कायावत्मक ग्रेि र्ािे सामद
ु ानयक स्र्ास््य केंद्र और र्ांछिीय आर्श्यकताओं की आदशव स्स्थनत के

लिए जरूरी आर्श्यकताओं को प्रदाि करता है I


भ रिीय सवशजयनक स्व स्थ म नकों के उद्देश्य
1. यह निधधवष्ट्ट करािे के लिए की न्यि
ू तम आश्र्ालसत (आर्श्यक) सेर्ाएं, जो की उपस्र्ास्थ केंद्र को

प्रदाि करिे के लिए उम्मीद की जाती है और राज्यों/ संघ शालसत प्रदे शों को र्ांछिीय सेर्ाएं को उप

स्र्ास्थ केंद्र द्र्ारा उपिब्ध करािे की कामिा करिी चादहए

2. इि सवु र्धाओं के लिए, दे खभाि की, एक स्र्ीकायव गण


ु र्त्ता (acceptable quality) को बिाए रखिे के

लिए

3. इि सवु र्धाओं की निगरािी और पयवर्क्ष


े ण को सग
ु म बिािे के लिए

4. उपिब्ध कराई गयी सेर्ाओं को अधधक उत्तरदायी बिािे के लिए

CHC में सेव वविरण


OPD और IPD सेव एां

 जिरि, मेडिलसि, सजवरी, प्रसूनत एर्ं स्त्री रोग, बाि धचककत्सा, दं त धचककत्सा और
आयुष सेर्ाएं।

 िेत्र वर्शेषज्ञ सेर्ाएं (हर 5 सीएचसी के लिए एक )।

 आपातकािीि सेर्ाएं

 प्रयोगशािा सेर्ाएं

 राष्ट्रीय स्र्ास््य कायवक्रम

प्रत्येक CHC को निम्िलिखखत सेर्ायें जो की आर्श्यक एर्ं र्ांनछत सेर्ाओं में बांटी गयी
है ,प्रदाि करिा चादहएI सभी राज्यों/UTs को सभी आर्श्यक सुवर्धाएं सुनिस्श्चत करिा चादहए
एर्ं र्ंधचत सेर्ाओं को भी उपिब्ध करिे का प्रयास करिा चादहएI
I. सजशरी में ददनचय श और आप िक लीन म मलों की दे खभ ल

आवश्यक

 इसमें ड्रेलसंग, चीरा, जि निकासी, हनिवया, Hydrocele के लिए सजवरी, पथरी, बर्ासीर,
िािव्रण, और चोटों की लसिाई शालमि है ।

 आपातकािीि स्स्थनत जैसे आंत्र रुकार्ट, रक्तस्त्रार्, आदद का प्रबंधिI

 अन्य प्रबंधि जैसे िाक पैककंग सदहत, रे ककयोस्टोमी, बाहरी कारकों को हटािे आदद

 अस्स्थभंग में कमी एर्ं splints/plaster cast िाििा I

 दै निक OPD का आयोजि

II. चचककत्स में ददनचय श और आप िक लीन म मलों की दे खभ ल

आवश्यक

 िेंगू रक्तस्रार्ी बुखार, सेरेब्रि मिेररया और कुत्ता और दस


ू रों की तरह सांप के काटिे
के मामिों, वर्षाक्तता, congestive ददि वर्फिता, बाएं नििय वर्फिता, निमोनिया,
meningoencephalitis, तीव्र श्र्सि की स्स्थनत, स्स्थनत एवपिेस्प्टकस, बन्सव, शॉक, तीव्र
निजविीकरण आदद आपातकािीि स्स्थनत के प्रबंधि के लिए वर्शेष निदे श ददए गए है I
इसके अिार्ा रास्ष्ट्रय स्र्ास््य कायवक्रमों के लिए अिग से ददशानिदे श ददए गए है I
 दै निक OPD का आयोजि

III. म ि ृ स्व स््य

आवश्यक
 पंजीकरण एर्ं संबद्ध सेर्ाओं सदहत न्यूितम 4 ANC जांच: ANC के मामिे
सीधे CHC में भी पंजीकृत ककये जा सकते है , ANC जांच के लिए निम्ि
समय सारणी दी गयी है –
- पहिी जांच : १२ सप्ताह के भीतर – अधधमाितः स्जतिी जल्दी गभवधारण के रूप में
आशंका होती है (pregnancy is suspected)- पहिी प्रसर् पर्
ू व जांच, पंजीकरण और
इनतहास.
- दस
ू री जांच : १४ और २६ सप्ताह के बीच में
- तीसरी जांच : २८ और ३४ सप्ताह के बीच में
- चौथी जांच : ३६ सप्ताह और अर्धध के बीच में
 सामान्य एर्ं अलसस्टे ि प्रसर् में 24 घंटे दे ख रे ख
 पटोग्राफ बिािा प्रसर् के दौराि
 रे फेर ककये गए सभी जदटि मामिो का सही प्रबंधि करिा
 JSY एर्ं JSSK सवु र्धाओ को सनु िस्श्चत करिा

IV. नवज ि और ब ल स्व स््य की दे खभ ल


आवश्यक
 िर्जात की दे खरे ख एर्ं पुिजीर्ि सम्बन्धी आर्श्यक सुवर्धा प्रसर् कमरे या OT
(जहााँ लसजेररयि प्रसर् होता) के िर्जात कोिे में मुदहया करिा I अिुबंध 1A में
इसके वर्स्तार से समझाया गया है I
 जल्द से जल्द स्तिपाि शुरू करर्ािा चादहए एर्ं 6 महीिे तक केर्ि स्तिपाि
करर्ािे के लिए परामशव दे िा चादहए I
 िर्जात स्स्थरीकरण यूनिट (अिुबंध 1 बी में वर्र्रण ददए गए हैं)।
 IYCF ददशा निदे शों के अिुसार लशशु और युर्ा बच्चे को खखिािे पर परामशव I
 IMCI पर आधररत सवु र्धा बीमार बच्चों की दै निक और आपातस्स्थनत में I
 सभी का प्रनतरक्षण सुनिस्श्चत करिा
 बचपि के रोगों के संक्रमण और एिीलमया आदद की रोकथाम का प्रबंधि
 कुपोषण के मामिों का प्रबंधि।
 जििी लशशु सुरक्षा कायवक्रम का प्रार्धाि JSSK के ददशा निदे शों के अिुसार।

v. पररव र यनयोजन
आवश्यक
 सभी प्रकार की पररर्ार नियोजि वर्धधयों को प्रदाि करिा एर्ं दे ख रे ख करिा I

 MTP act एर्ं MOHFW ददशानिदे श के अिस


ु ार सरु क्षक्षत गभवपात की सेर्ा प्रदाि करिा I

व ांयिि
 2 री नतमाही के लिए MTP की सवु र्धा मोदहया करािाI
VI. अन्य र ष्ट्रीय स्व स््य क यशक्रम (NHP):
सभी NHPs प्रोग्राम CHC के माध्यम से ददया जािा चादहए।

सांच री रोग क यशक्रम

RNTCP
टीबी नियंत्रण के ददशानिदे श (अिब
ु ध
ं २) के अिस
ु ार सभी CHC को उपिब्ध माइक्रोस्कोपी केंद्र में
िाईग्िोस्स्टक सेर्ा प्रदाि की जािी चादहए I

HIV/AIDS यनयांत्रण प्रोग्र म:


अिब
ु ध
ं 3 के अिस
ु ार

 एकीकृत परामशव और परीक्षण केंद्र।


 रक्त संग्रहण केंद्र।
 यौि संक्रमण स्क्िनिक ।
व ांयिि
 एंटी रे रोर्ायरि थेरेपी सेंटर से लिंक।

र ष्ट्रीय वेतटर जयनि रोग यनयांत्रण क यशक्रम


(अिब
ु ंध 4)

र ष्ट्रीय कुष्ट्ठ उन्मूलन क यशक्रम (NLEP)


(अिुबंध 5)

दृक्ष्ट्टहीनि के यनयांत्रण के ललए र ष्ट्रीय क यशक्रम

आवश्यक

 वर्जि ड्रम / वर्जि चाटव के साथ वर्जि परीक्षण।


 अपर्तवि
 दृश्य हानि का जल्दी पता िगािे और उिके रे फरि।
 जागरूकता फैिािा

व ांयिि

टोिोमीटर के द्र्ारा इंरा ओकुिर दबार् माप


सीररन्िस्जंग एर्ं प्रोबबंग
बाहरी कारको को बहार निकाििा
सामान्य आाँखों की परे सािी के लिए मि
ू सेर्ाओ एर्ं िाईग्िोस्स्टक सेर्ा प्रदाि की जािी चादहए I
IOL द्र्ारा मोनतयाबबंद सदहत शल्य धचककत्सा सेर्ा।

 एकीकृत रोग निगरािी पररयोजिा


 अिब
ु ंध 7

 बहरापि रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कायवक्रम (NPPCD)

 राष्ट्रीय मािलसक स्र्ास््य कायवक्रम (NMHP)

 कैंसर, मधम
ु ेह, हृदय रोग और स्रोक रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कायवक्रम
(NPCDCS)

 मधम
ु ेह, CVD और स्रोक

 राष्ट्रीय आयोिीि की कमी से वर्कार नियंत्रण कायवक्रम (NIDDCP)

 फ्िोरोलसस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कायवक्रम (NPPCF) फ्िोरोलसस


से प्रभावर्त गांर्ों में

 राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कायवक्रम (NTCP)

 बुजुगव के स्र्ास््य की दे खभाि के लिए राष्ट्रीय कायवक्रम


 शारीररक धचककत्सा और पुिर्ावस (PMR)
 मौखखक स्र्ास््य
 अन्य सेर्ाएं
मैनपॉवर (श्रम शक्ति)

Personnel अनिवार्य वाांनित र्ोग्र्ता टिपण्णी


खण्ड जि-स्वास्थर् इकाई (Block Public Health Unit)
जि स्वास्थर् नवशेषज्ञ १ MD (PSM)/MD
(Public Health Specialist) (CHA)MD
Community Medicine
or Post graduation
degree with
MBA/DPH/MPH)
जि स्वास््र् उपचाटिका १
( Public Health Nurse)#
नवनशष्ट सेवाएँ ( Specialty Services)
सामान्र् शल्र् नचककत्शक १ MS/DNB,( General
(General Surgeon) Surgery)
सामान्र् १ MD/DNB, (General
नचककत्षक(Physician) Medicine)
प्रसूनत –नवज्ञािी & इस्त्री िोग १ DGO/MD/DNB
नवशेषज्ञ (Obstetrician &
Gynecologist
नशशु-िोग नवशेषज्ञ १ DCH/MD(Paediatrics
(Peadiatrician) )/DNB
निश्चेतक(Anaesthetist) १ MD शल्र् किर्ा नवशेषज्ञ
(Anesthesia)/DNB/D का उपर्ोग होिा
A/LSAS trained MO) चानहर्े. वे हो सकता है
अिुबध ां ीर् निर्ुनि र्ा
निजी िेत्र से िोगी के
अधि पि सेवाए देिे
वाले हो सकते है
सामान्र् कार्य अनधकािी (General duty officers)
दन्त नचककत्सक( Dental १ बी.डी.एस(B.D.S.)
Surgeon)
सामान्र् कार्य स्वास्थर् २ एम. बी .बी.
अनधकािी (General Duty एस.(M.B.B.S.)
Medical officers)
स्वास्थर् अनधकािी आर्ुष १ आर्ुष में
(Medical Officers AYUSH) स्नातक(Graduate in
AYUSH)
उपचाटिका औि पर्चचककत्शाकमी (Nurse and Paramedical )
स्िाफ िसय(Staff Nurse) १०
औषाधकािक (Pharmacist) १ +१
औषाधकािक- आर्ुष १
(Pharmacist-AYUSH0
प्रर्ोगशाला तकिीकज्ञ २
िे नडर्ोग्राफि १
कमशच री वगश (personnel) आवश्यक व ांिनीय (desirable) योग्यि दटप्पणणय ाँ
(essential)

ड यटीलशयन १

नेत्र सह यक

दां ि चचककत्स सह यक १

कोल्ड चेन और वैतसीन १


लॉक्जक्स्टक सह यक

ओटी टे तनीलशयन १

बहु पन
ु व शस / समद
ु य १ +१
आध ररि पन
ु व शस क यशकि श
(multi
rehabilitation/community
based rehabilitation worker

पर मशशद ि १

प्रश सयनक स्ट फ

पांजीकरण तलकश २

स ांक्ययकीय सह यक /ड ट २
एांरी ऑपरे टर

ख ि सह यक १
प्रश सयनक सह यक १

ग्रप
ु डी स्ट फ

ड्रेसर (रे ड क्रॉस द्व र १


प्रम णणि/जॉन्स एम्बल
ु ेंस)

व डश लड़के /नलसिंग आडशली ५

ड्र ईवर* १* ३

कुल ४६ ५२

िोट :

5. अगर मरीज िोि बढ जाती है, तो जिरि ड्यट


ू ी िॉक्टरों की संयया में र्वृ द्ध ककया जा सकता है .
6. आउटसोलसिंग के लिए धि प्रदाि की जाएगी और समथवि सेर्ाएं (support services) जरूरत के अिस
ु ार
प्रदाि की जाएगी.
7. िलसिंग आिविी में से एक को CSSD प्रकक्रयाओं में प्रलशक्षक्षत ककया जा सकता है.
8. चतथ
ु व श्रेणी के सेर्ाओं के आउटसोलसिंग के लिए बजट प्रदाि करिा है जैसे मािी, आया, चपरासी,
ओपीिी पररचर (OPD attendant), सरु क्षा और सफाई कालमवयों.

*आउटसोसव ककया जा सकता है


#स्िातक या िलसिंग में डिप्िोमा और सार्वजनिक स्र्ास््य में 6 महीिे के लिए प्रलशक्षक्षत ककया जाएगा
िोट :
i. एक अल्पकालिक व्यर्स्था के रूप में, एम ्.बी.बी.एस िॉक्टरे जो ककसी एक वर्शेषता में कम से कम
दो साि का अिभ
ु ार् प्राप्त ककया है या अल्पार्धध प्रलशक्षण प्राप्त ककया है उिको वर्शेषता पोस्ट के
खखिाफ उपयोग ककया जा सकता है .
ii. चतथ
ु व श्रेणी के कमवचाररयों में से ककसी को कोल्ि चेि और र्ैक्सीि िॉस्जस्स्टक सहायक के लिए
एक सहायक के रूप में पहचािा जायेगा और कोल्ि चेि हैंििर के रूप में प्रलशक्षक्षत ककया जायेगा.
iii. एि.आर.एच.एम ् के अंतगवत प्रार्धाि के अिस
ु ार जहााँ कमी है र्हां अंशकालिक/संवर्दात्मक (part
time/contractual) स्टाफ रखिे के लिए राज्यों को तिाशिा होगा. राज्य के निनत के अिस
ु ार
सेर्ाओं का आउटसोलसिंग ककया जा सकता है.
iv. इ.लस.जी के लिए एक िलसिंग स्टाफ/िैब टे कनिलशयि को प्रलशक्षक्षत ककया जा सकता है .
v. ५ सी.एच.सी के लिए एक िेत्र रोग वर्शेषज्ञ की लसफाररश की है .
vi. स्र्ास््य लशक्षा सेर्ाओं के आयोजि के लिए स्र्ास्थ लशक्षक (health educator) को प्राथलमक
स्र्ास्थ केंद्र में ब्िॉक सार्वजनिक स्र्ास््य यनू िट के साथ समन्र्य में काम करिा चादहए.
ज ांच सच
ू ी:

OPD
SOPs / STPs

ANC

ANC

PNC

PNC
अनुबांध 1 : नवज ि की दे खरे ख के ललए CHC में सुववध

अनब
ु ांध 1A: OT/प्रसव कमरे में नवज ि की दे खरे ख
अनब
ु ांध 1B: नवज ि दे खभ ल इक ई क्स्थरीकरण
अनुबांध 2: सांशोचधि र ष्ट्रीय टीबी यनयांत्रण क यशक्रम के सांबांध में
आर्श्यकतायें
िायग्िोस्स्टक सेर्ायें

1,00,000 जिसंयया पर एक माइक्रोस्कोवपक केंद्र (MC) की स्थापिा होिी चादहए I पहाडी


जिजातीय और दग
ु म
व क्षेत्रों के लिए एक MC 50,000 की आबादी पर स्थावपत ककया जािा
चादहए । PHC, CHC एर्ं DH में एक MC होिा चादहए I

इनपुट्स

1. RNTCP िे प्रयोगशािाओ में स्पुटम माइक्रोस्कोपी की आर्श्यकता पूरी करिे के लिए


ढांचे में सुधार ककये हैंI RNTCP आज पूरा दे श में है I

2. मैिपार्र: स्पुटम मैक्रोस्कोपी करिे के लिए िैब टे कनिलशयि (LTs) को प्रलशक्षण


प्रदाि ककया गया है I

3. उपकरण: स्पुटम माइक्रोस्कोपी के लिए Binocular Microscopes माइक्रोस्कोवपक केंद्र को


प्रदाि ककये गए हैI

4. प्रयोगशािा में उपयोग होिे र्ािे पदाथव को खरीदिे के लिए फण्ि प्रदाि ककया गया है I

उपच र सेव यें

I. धचककत्सा अधधकाररयों: सभी धचककत्सा अधधकारी जो RNTCP में प्रलशक्षण प्राप्त ककये
है को िक्षण के आधार पर रोगी को पहचाि कर स्पुटम माइक्रोस्कोपी के लिए रे फेर
करते है एर्ं टीबी की दर्ाओ से होिे र्ािे साइि इफ़ेक्ट के लिए उपचार प्रदाि करते
है I

II. DOTS केंद्र : सभी उपकेन्द्र, प्राथलमक स्र्ास््य केंद्र, CHC एर्ं DH DOTS केंद्र के
रूप में काम करते है I इसके अिार्ा समद
ु ाय के DOTS प्रोर्ाइिर को भी DOTS के
लिए प्रलशक्षक्षत ककया जाता है

III. DOTS प्रोर्ाइिर : MPWs, फामावलसस्ट एर्ं स्टाफ िसव को टीबी की दर्ाई दे िे र्
निररक्षण के लिए प्रलशक्षक्षत ककया जाता है I स्जिा टीबी केंद्र (िीटीसी) के माध्यम से
दर्ाओं को िॉट केन्द्रों में प्रदाि ककया जाता हैंI दर्ाई प्रदाि करिे का वर्र्रण
RNTCP के ददशा-निदे शों में ददए गया है । ररकॉडििंग एर्ं ररपोदटिं ग के लिए तकनिकी
ददशानिदे श ददए गए है I

जदटल म मलों क उपच र

प्रोिोंगेशि पाऊच DTC द्र्ारा प्रदाि ककया जाता है ई

गुणवत्ि को सयु नक्श्चि करन

िाईग्िोसीस: र्ररष्ट्ठ टीबी प्रयोगशािा पयवर्ेक्षक (STLS) के द्र्ारा सभी MC में


निररक्षण I

उपचार: वर्श्र् बैंक की लसफाररश पर आधाररत प्रकक्रयाओं द्र्ारा सभी प्रमुख दर्ाओ
को पहुाँचािा एर्ं राज्यों को प्रदाि करिा I
अनब
ु ांध 3: र ष्ट्रीय एड्स यनयांत्रण क यशक्रम: ददश यनदे श
अनुबांध 7A : प्र रूप P (स प्ि दहक ररपोदटिं ग प्र रूप – IDSP)
अनुबांध 7B : प्र रूप L (स प्ि दहक ररपोदटिं ग प्र रूप – IDSP)
अनुबांध 7C : पूवश चेि वनी के सांकेिों / फैलने की ि त्क ललक ररपोदटिं ग के
ललए प्र रूप
अनब
ु ांध 8: सांस्थ आध ररि म ि ृ मत्ृ यु समीक्ष प्र रूप

िोट: यह फॉमव होिे र्ािी सभी म्रत्यु के लिए भरे जािे चादहएI इसके अंतगवत गभवपात, एक्टोवपक
गेस्टे शि से सम्बंधधत मत्ृ य,ु गभावर्स्था समापि के 42 ददिों के अन्दर गभवर्ती की मत्ृ यु सभी आते
हैं, चाहे ककसी भी समय या साईट पर हो I

केस ररकॉडश की प्रयि को इस प्र रूप के स थ लग यें

माता की म्रत्यु के 24 घंटे के अंदर मात ृ म्रत्यु का फामव (काबवि कॉपी सदहत) भरें , ओररस्जिि फामव
संस्था में रहे गा एर्ं काबवि कॉपी को उस पररर्ार को दे ददया जायेगा स्जसमें म्रत्यु हुई है I

केर्ि कायाविय के उपयोग के लिए :


अनुबांध 9: CHC में उपकरणों की सूची
अनुबांध 10: दव इयों की सूची
अनब
ु ांध 12: ड ईग्नोक्स्टक सेव ओ की सच
ू ी
अनुबांध 13: आदशश न गररक घोषण पत्र
लमशन वतिव्य
सेव ओां क उपयोग
ये सामद
ु ानयक स्र्ास््य केंद्र लिंग/जानत/धमव/स्स्थनत के ककसी भी भेदभार् के बबिा सभी रोधगयों के
लिए धचककत्सा प्रदाि करता है । यहााँ आपातकािीि सेर्ाएाँ 24 x 7 उपिब्ध हैं। इस अस्पताि का
प्रबंधि सेर्ाओं के वर्तरण को सनु िस्श्चत करिे के लिए स्जम्मेदार है ।

सेव ओां के म नक
ये हस्पताि भारतीय जि स्र्ास््य मािकों (IPHS) द्र्ारा सेट सेर्ाओं के अिस
ु ार कम से कम
गण
ु र्त्ता की सेर्ाएं प्रदाि करता है ।

हस्पि ल में आपके अचधक र


1. हस्पताि द्र्ारा उपिब्ध कराई गई सारी सेर्ाओं को उपयोग करिे का अधधकार
2. सच
ू िा का अधधकार- जािकारी समेत अपिे इिाज से संबधं धत
3. उपचार के बारे में निणवय बिािे का अधधकार
4. गोपिीयता का अधधकार
5. धालमवक और सांस्कृनतक स्र्तंत्रता का अधधकार
6. सरु क्षक्षत उपचार का अधधकार
7. लशकयतों का सध
ु ार का अधधकार

स म न्य ज नक री
बबस्तर की संयया.......................................................................................
िॉक्टरों की संयया और उिकी वर्शेषज्ञता.......................................................
िसों की संयया.........................................................................................
एम्बि
ु ेंस की संयया.....................................................................................

उपलब्ध सेव एां


ओपीिी इंिोर धचककत्सा/ र्ािवस 24 घंटे आपातकािीि मलसएच सवु र्धाएं
सेर्ाएं

रे डियोिोजी िेबोरे टरी फामेसी दन्त रोग वर्भाग

एक्स रे , अल्रासाउं ि
(अगर उपिब्ध है)

पररर्ार नियोजि सेर्ाएं इम्यि


ू ाइजेशि ब्िि स्टोरे ज ऑपरे शि धथएटर

आयष
ु इसीजी 24 घंटे एम्बि
ु ेंस सेर्ा
पि
ू ि ि और ज नक री
पछ
ू ताछ काउं टर ................................यहााँ स्स्थत है
यहााँ के काम करिे का समय .............................तक है
टे िीफोि पर पछ
ू िे के लिए िंबर (24 घंटे सेर्ा ).........
हस्पताि में महत्र्पण
ू व सस्थािों पर गाइि करिे र्ािे िक्शे और ददशात्मक संकेत िगाये गए हैं I

दघ
ु ट
श न और आप िक लीन सेव एां
सेव एां
 सारे आपत्कािीि सेर्ाएं रात – ददि उपिब्ध हैं I
 धचककत्सक कािि
ू ी सेर्ाएं उपिब्ध हैं I
 उच्च केंद्र के लिए रे फरि सेर्ाएं उबिब्ध हैं अगर उपचार हस्पताि में उपिब्ध िहीं है I
 एम्बि
ु ेंस सेर्ाएं मि
ू जीर्ि रक्षा के साथ ददि – रात उपिब्ध हैं I
 गंभीर मामिों में धचककत्सा / प्रबंध को कागजी कारव र्ाई से ज्यादा प्राथलमकता दी जाएगी I

ओपीडी सेव एां


ओपीिी सेर्ाएं रवर्र्ार और राजपबत्रत छुदियों के अिार्ा सारे ददिों में उपिब्ध रहें गी I
समय –
सब
ु ह - ......... से ....... बजे तक
शाम - .......... से ....... बजे तक
वर्लभन्ि आउट पेशेंट सेर्ाएं सीएचसी में निचे लिखे अिस
ु ार उपिब्ध होंगी :
ववभ ग कमर नांबर समय
जिरि मेडिलसि
जिरि सजवरी
आब्सटे दरक्स और गायिोकॉिोजी
पेडियादरक्स
आाँख
दन्त रोग वर्भाग
आयष
ु सेर्ाएं
समाधचककत्सा
आयर्
ु ेद
अन्य
मेडिकि सेर्ाएं उपिब्ध िहीं हैं
नैद यनक सेव एां
समय
टे स््स की सधू चयााँ और जािकारी उिसे सम्बंधधत वर्भागों में उपिब्ध हैं I
एक्स रे
अल्रासाउं ि
इसीजी
लशक यिें
 हर लशकायत वर्धधर्त स्र्ीकार की जाएगी I
 हम ये उद्देश्य रखते हैं की आपकी लशकायतें ररसीप्ट लमििे के ....... ददिों में निपटा दी
जाएाँगी I
 सझ
ु ार् / लशकायतों के बक्से इन्क्र्ारी काउं टर पर भी उबिब्ध हैं और हस्पत्स्ि में ..... पर
उबिब्ध हैं I
आप अपनी लशक यिें यह ाँ दे सकिे हैं
िाम .........
पद ...........
टे िीफोि...................(घर).....................(मो.)
लमििे का समय ...............से .................

आपकी क्जम्मेद ररय ां


 कृपया दस
ू रे मरीजों को असवु र्धा ि होिे दें I
 कृपया हस्पताि और इसके निकटतम स्थािों को साफ़ रखिे में हमारी मदद करें I
 दिािों से सार्धाि ! अगर आपको ऐसे कोई िोग पररसर में लमिते हैं, तो हस्पताि
अधधकारीयों को सम्पकव करें I
 हस्पताि एक ‘धूम्रपाि निषेध’ इिाका है और यहााँ धूम्रपाि करिा दं ििीय अपराध है I
 कृपया स्टाफ और कायवकतावओं से अिधु चत एहसाि ि मांगें क्यकूं क ऐसा करिे से
भ्रष्ट्टाचार को प्रोत्साहि लमिता है I
 कृपया उपयोगी प्रनतकक्रया और रचिास्त्मक सझ
ु ार् दें I ये आप हस्पताि के मेडिकि
सप
ु ेररटे ििेंट को दे सकते हैं I
अनुबांध 14: स ांववचधक अनुप लन की सूची
अनुबांध 16: सांक्षक्षप्ि न मों की सूची
सन्दभश सूची
IPHS को पन
ु : िैय र करने व ले क यशदल के सदस्यों की सच
ू ी
स्र्ास््य सेर्ा महानिदे शािय
स्र्ास््य एर्ं पररर्ार कल्याण मंत्रािय
भारत सरकार

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