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ज ांच सच
ू ी: ........................................................... 13
अिब
ु ध
ं 1 : िर्जात की दे खरे ख के लिए CHC में सवु र्धा..................................................................... 16
अिब
ु ध
ं 1A: OT/प्रसर् कमरे में िर्जात की दे खरे ख ............................................................................. 16
अिब
ु ध
ं 1B: िर्जात दे खभाि इकाई स्स्थरीकरण .................................................................................. 17
अिब
ु ध
ं 2: संशोधधत राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कायवक्रम के संबध
ं में आर्श्यकतायें ................................ 18
अिब
ु ध
ं 3: राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कायवक्रम: ददशानिदे श ....................................................................... 20
अिब
ु ध
ं 7A : प्रारूप P (साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP) ..................................................................... 21
अिब
ु ध
ं 7A : प्रारूप P (साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP) ..................................................................... 21
अिब
ु ध
ं 7B : प्रारूप L (साप्तादहक ररपोदटिं ग प्रारूप – IDSP) ...................................................................... 22
अिब
ु ध
ं 7C : पर्
ू व चेतार्िी के संकेतों / फैििे की तात्कालिक ररपोदटिं ग के लिए प्रारूप ........................ 23
अिब
ु ध
ं 8: संस्था आधाररत मात ृ मत्ृ यु समीक्षा प्रारूप .......................................................................... 24
अिब
ु ध
ं 9: CHC में उपकरणों की सच
ू ी................................................................................................... 28
अिब
ु ध
ं 10: दर्ाइयों की सच
ू ी ............................................................................................................... 35
अनब
ु ांध 13: आदशश न गररक घोषण पत्र................................................................................ 57
अिब
ु ध
ं 14: सांवर्धधक अिप
ु ािि की सच
ू ी ........................................................................................... 60
अिब
ु ध
ं 16: संक्षक्षप्त िामों की सच
ू ी ..................................................................................................... 61
सन्दभव सच
ू ी ........................................................................................................................................... 63
IPHS को पि
ु : तैयार करिे र्ािे कायवदि के सदस्यों की सच
ू ी .............................................................. 64
पररचय: स मुद ययक स्व स््य केंद्र
भारत में स्र्ास््य दे खभाि वर्तरण अथावत ् प्राथलमक, माध्यलमक और तत
ृ ीयक तीि स्तरों पर पररकल्पिा की
प्रथम रे फरि यनू िट (FRUs) और उप-स्जिा और स्जिा अस्पतािों से बिता है I सीएचसी डिजाइि ककए गए थे
ताकक प्राथलमक स्र्ास््य केन्द्रों के स्तर से मामिों के लिए और केंद्र से सीधे आए वर्शेषज्ञ दे खभाि की जरूरत
होती मामिों के लिए रे फरि स्र्ास््य दे खभाि प्रदाि की जा सके I 4 पीएचसी 1 सीएचसी के अंतगवत आते हैं तो
करीबि 80,000 आबादी आददर्ासी / पहाडी / रे धगस्तािी इिाकों में और 1,20,000 आबादी मैदािी क्षेत्रों में परू ा
करता है I सीएचसी एक 30 बबस्तर र्ािे अस्पताि धचककत्सा, प्रसनू त एर्ं स्त्री रोग, सजवरी, बाि धचककत्सा, दं त
धचककत्सा और आयष
ु में वर्शेषज्ञ दे खभाि प्रदाि कर रहा है I माचव 2010 के अिस
ु ार ग्रामीण स्र्ास््य सांस्ययकी
बि
ु ेदटि 2010 की स्स्थनत के अिस
ु ार 4535 सीएचसी दे श में कायव कर रहे हैं। ये केन्द्र हािांकक उन्हें सौंपे कायों को
केर्ि एक सीलमत हद तक परू ा कर रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्र्ास््य लमशि (एिआरएचएम) का प्रक्षेपण हमें
अपिे कामकाज को एक िया रूप दे िे का अर्सर दे ता है । एिआरएचएम सीएचसी सेर्ाओं को भारतीय िोक
स्र्ास््य मािकों के स्तर पर िािे की पररकल्पिा करता है I हािांकक 30 बबस्तर र्ािे अस्पताि के लिए मौजद
ू ा
रूप में भारतीय मािक ब्यरू ो द्र्ारा निधावररत मािक पहिे से ही हैं , इि मािकों को प्राप्त िहीं ककया जा सकता
क्योंकक ये बहुत संसाधि गहि हैं I राष्ट्रीय ग्रामीण स्र्ास््य लमशि के तहत, स्र्ास््य गनतवर्धधयों को बढार्ा
दे िे के लिए मान्यता प्राप्त सामास्जक स्र्ास््य कायवकताव (आशा) प्रत्येक गांर् में पररकस्ल्पत ककया जा रहा है I
आशा के होिे पर र्हााँ स्र्ास््य सेर्ाओं के लिए मांग का उभार होिा स्र्ाभावर्क है और इस प्रणािी चि
ु ौती का
सामिा करिे के लिए तैयार होिे की जरूरत है I प्रणािी की केर्ि ये आर्श्यकता िहीं है कक ज्यादा मरीज भार को
संभािे, बस्ल्क गण
ु र्त्ता के पहिओ
ु ं पर भी ध्याि दे िे की ज़रुरत है ताकक रोगीयों की संतस्ु ष्ट्ट के स्तर को बढाया
जा सके I सेर्ाओं की गण
ु र्त्ता सनु िस्श्चत करिे के लिए, भारतीय िोक स्र्ास््य मािकों (IPHS) सीएचसी के
लिए स्थावपत ककया जा रहा है ताकक एक मापदं ि प्रदाि की जा रही सेर्ाओं को मापिे के लिये हो I यह दस्तार्ेज
एक न्यि
ू तम कायावत्मक ग्रेि र्ािे सामद
ु ानयक स्र्ास््य केंद्र और र्ांछिीय आर्श्यकताओं की आदशव स्स्थनत के
प्रदाि करिे के लिए उम्मीद की जाती है और राज्यों/ संघ शालसत प्रदे शों को र्ांछिीय सेर्ाएं को उप
लिए
जिरि, मेडिलसि, सजवरी, प्रसूनत एर्ं स्त्री रोग, बाि धचककत्सा, दं त धचककत्सा और
आयुष सेर्ाएं।
आपातकािीि सेर्ाएं
प्रयोगशािा सेर्ाएं
प्रत्येक CHC को निम्िलिखखत सेर्ायें जो की आर्श्यक एर्ं र्ांनछत सेर्ाओं में बांटी गयी
है ,प्रदाि करिा चादहएI सभी राज्यों/UTs को सभी आर्श्यक सुवर्धाएं सुनिस्श्चत करिा चादहए
एर्ं र्ंधचत सेर्ाओं को भी उपिब्ध करिे का प्रयास करिा चादहएI
I. सजशरी में ददनचय श और आप िक लीन म मलों की दे खभ ल
आवश्यक
इसमें ड्रेलसंग, चीरा, जि निकासी, हनिवया, Hydrocele के लिए सजवरी, पथरी, बर्ासीर,
िािव्रण, और चोटों की लसिाई शालमि है ।
अन्य प्रबंधि जैसे िाक पैककंग सदहत, रे ककयोस्टोमी, बाहरी कारकों को हटािे आदद
आवश्यक
आवश्यक
पंजीकरण एर्ं संबद्ध सेर्ाओं सदहत न्यूितम 4 ANC जांच: ANC के मामिे
सीधे CHC में भी पंजीकृत ककये जा सकते है , ANC जांच के लिए निम्ि
समय सारणी दी गयी है –
- पहिी जांच : १२ सप्ताह के भीतर – अधधमाितः स्जतिी जल्दी गभवधारण के रूप में
आशंका होती है (pregnancy is suspected)- पहिी प्रसर् पर्
ू व जांच, पंजीकरण और
इनतहास.
- दस
ू री जांच : १४ और २६ सप्ताह के बीच में
- तीसरी जांच : २८ और ३४ सप्ताह के बीच में
- चौथी जांच : ३६ सप्ताह और अर्धध के बीच में
सामान्य एर्ं अलसस्टे ि प्रसर् में 24 घंटे दे ख रे ख
पटोग्राफ बिािा प्रसर् के दौराि
रे फेर ककये गए सभी जदटि मामिो का सही प्रबंधि करिा
JSY एर्ं JSSK सवु र्धाओ को सनु िस्श्चत करिा
v. पररव र यनयोजन
आवश्यक
सभी प्रकार की पररर्ार नियोजि वर्धधयों को प्रदाि करिा एर्ं दे ख रे ख करिा I
व ांयिि
2 री नतमाही के लिए MTP की सवु र्धा मोदहया करािाI
VI. अन्य र ष्ट्रीय स्व स््य क यशक्रम (NHP):
सभी NHPs प्रोग्राम CHC के माध्यम से ददया जािा चादहए।
RNTCP
टीबी नियंत्रण के ददशानिदे श (अिब
ु ध
ं २) के अिस
ु ार सभी CHC को उपिब्ध माइक्रोस्कोपी केंद्र में
िाईग्िोस्स्टक सेर्ा प्रदाि की जािी चादहए I
आवश्यक
व ांयिि
कैंसर, मधम
ु ेह, हृदय रोग और स्रोक रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कायवक्रम
(NPCDCS)
मधम
ु ेह, CVD और स्रोक
ड यटीलशयन १
नेत्र सह यक
दां ि चचककत्स सह यक १
ओटी टे तनीलशयन १
बहु पन
ु व शस / समद
ु य १ +१
आध ररि पन
ु व शस क यशकि श
(multi
rehabilitation/community
based rehabilitation worker
पर मशशद ि १
पांजीकरण तलकश २
स ांक्ययकीय सह यक /ड ट २
एांरी ऑपरे टर
ख ि सह यक १
प्रश सयनक सह यक १
ग्रप
ु डी स्ट फ
ड्र ईवर* १* ३
कुल ४६ ५२
िोट :
OPD
SOPs / STPs
ANC
ANC
PNC
PNC
अनुबांध 1 : नवज ि की दे खरे ख के ललए CHC में सुववध
अनब
ु ांध 1A: OT/प्रसव कमरे में नवज ि की दे खरे ख
अनब
ु ांध 1B: नवज ि दे खभ ल इक ई क्स्थरीकरण
अनुबांध 2: सांशोचधि र ष्ट्रीय टीबी यनयांत्रण क यशक्रम के सांबांध में
आर्श्यकतायें
िायग्िोस्स्टक सेर्ायें
इनपुट्स
4. प्रयोगशािा में उपयोग होिे र्ािे पदाथव को खरीदिे के लिए फण्ि प्रदाि ककया गया है I
I. धचककत्सा अधधकाररयों: सभी धचककत्सा अधधकारी जो RNTCP में प्रलशक्षण प्राप्त ककये
है को िक्षण के आधार पर रोगी को पहचाि कर स्पुटम माइक्रोस्कोपी के लिए रे फेर
करते है एर्ं टीबी की दर्ाओ से होिे र्ािे साइि इफ़ेक्ट के लिए उपचार प्रदाि करते
है I
II. DOTS केंद्र : सभी उपकेन्द्र, प्राथलमक स्र्ास््य केंद्र, CHC एर्ं DH DOTS केंद्र के
रूप में काम करते है I इसके अिार्ा समद
ु ाय के DOTS प्रोर्ाइिर को भी DOTS के
लिए प्रलशक्षक्षत ककया जाता है
III. DOTS प्रोर्ाइिर : MPWs, फामावलसस्ट एर्ं स्टाफ िसव को टीबी की दर्ाई दे िे र्
निररक्षण के लिए प्रलशक्षक्षत ककया जाता है I स्जिा टीबी केंद्र (िीटीसी) के माध्यम से
दर्ाओं को िॉट केन्द्रों में प्रदाि ककया जाता हैंI दर्ाई प्रदाि करिे का वर्र्रण
RNTCP के ददशा-निदे शों में ददए गया है । ररकॉडििंग एर्ं ररपोदटिं ग के लिए तकनिकी
ददशानिदे श ददए गए है I
उपचार: वर्श्र् बैंक की लसफाररश पर आधाररत प्रकक्रयाओं द्र्ारा सभी प्रमुख दर्ाओ
को पहुाँचािा एर्ं राज्यों को प्रदाि करिा I
अनब
ु ांध 3: र ष्ट्रीय एड्स यनयांत्रण क यशक्रम: ददश यनदे श
अनुबांध 7A : प्र रूप P (स प्ि दहक ररपोदटिं ग प्र रूप – IDSP)
अनुबांध 7B : प्र रूप L (स प्ि दहक ररपोदटिं ग प्र रूप – IDSP)
अनुबांध 7C : पूवश चेि वनी के सांकेिों / फैलने की ि त्क ललक ररपोदटिं ग के
ललए प्र रूप
अनब
ु ांध 8: सांस्थ आध ररि म ि ृ मत्ृ यु समीक्ष प्र रूप
िोट: यह फॉमव होिे र्ािी सभी म्रत्यु के लिए भरे जािे चादहएI इसके अंतगवत गभवपात, एक्टोवपक
गेस्टे शि से सम्बंधधत मत्ृ य,ु गभावर्स्था समापि के 42 ददिों के अन्दर गभवर्ती की मत्ृ यु सभी आते
हैं, चाहे ककसी भी समय या साईट पर हो I
माता की म्रत्यु के 24 घंटे के अंदर मात ृ म्रत्यु का फामव (काबवि कॉपी सदहत) भरें , ओररस्जिि फामव
संस्था में रहे गा एर्ं काबवि कॉपी को उस पररर्ार को दे ददया जायेगा स्जसमें म्रत्यु हुई है I
सेव ओां के म नक
ये हस्पताि भारतीय जि स्र्ास््य मािकों (IPHS) द्र्ारा सेट सेर्ाओं के अिस
ु ार कम से कम
गण
ु र्त्ता की सेर्ाएं प्रदाि करता है ।
स म न्य ज नक री
बबस्तर की संयया.......................................................................................
िॉक्टरों की संयया और उिकी वर्शेषज्ञता.......................................................
िसों की संयया.........................................................................................
एम्बि
ु ेंस की संयया.....................................................................................
एक्स रे , अल्रासाउं ि
(अगर उपिब्ध है)
आयष
ु इसीजी 24 घंटे एम्बि
ु ेंस सेर्ा
पि
ू ि ि और ज नक री
पछ
ू ताछ काउं टर ................................यहााँ स्स्थत है
यहााँ के काम करिे का समय .............................तक है
टे िीफोि पर पछ
ू िे के लिए िंबर (24 घंटे सेर्ा ).........
हस्पताि में महत्र्पण
ू व सस्थािों पर गाइि करिे र्ािे िक्शे और ददशात्मक संकेत िगाये गए हैं I
दघ
ु ट
श न और आप िक लीन सेव एां
सेव एां
सारे आपत्कािीि सेर्ाएं रात – ददि उपिब्ध हैं I
धचककत्सक कािि
ू ी सेर्ाएं उपिब्ध हैं I
उच्च केंद्र के लिए रे फरि सेर्ाएं उबिब्ध हैं अगर उपचार हस्पताि में उपिब्ध िहीं है I
एम्बि
ु ेंस सेर्ाएं मि
ू जीर्ि रक्षा के साथ ददि – रात उपिब्ध हैं I
गंभीर मामिों में धचककत्सा / प्रबंध को कागजी कारव र्ाई से ज्यादा प्राथलमकता दी जाएगी I